हाईकोर्ट की युगल पीठ ने शहर में होने वाले जलभराव को लेकर फिर से चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा कि जलभराव बड़ी समस्या है। इसका स्थायी समाधान चाहते हैं।
हाईकोर्ट की युगल पीठ ने शहर में होने वाले जलभराव को लेकर फिर से चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने कहा कि जलभराव बड़ी समस्या है। इसका स्थायी समाधान चाहते हैं। ऐसे विशेषज्ञों के नाम बताए जाएं, जो जलभराव का समाधान बता सकें। याचिकाकर्ता को अलग-अलग फील्ड में काम करने वाले विशेषज्ञों के नाम हाईकोर्ट को बताने होंगे। एक कमेटी का गठन किया जाएगा। याचिका की सुनवाई 1 सितंबर को होगी।https://www.patrika.com/gwalior-news/mp-high-court-on-encroachment-gave-time-till-october-19857664
नगर निगम की ओर से हाईकोर्ट में बताया कि 149 जगह चिह्नित की है, जहां पर जलभराव हुआ है। इन जगहों से पानी निकाला गया है। बारिश में जलभराव की समस्या सुनने के लिए अधिकारियों के नंबर जारी किए गए। हेल्पलाइन नंबर जारी करने के साथ-साथ कंट्रोल रूम बनाया गया। जहां से भी शिकायत आई, वहां दल निराकरण के लिए पहुंचा। इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने कहा कि जो नंबर बताए जा रहे हैं, उन पर फोन नहीं उठता है। लोग अपनी समस्या को बताने के लिए परेशान रहते हैं।
पुष्कर कॉलोनी विकास समिति के अध्यक्ष एवं रिटायर्ड आर्मी कैप्टन उद्देश्य सिंह भदोरिया ने जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि शहर की आबादी करीब 16 लाख से ज्यादा हो चुकी है। हर वर्ष ग्वालियर शहर का विस्तार हो रहा है। ड्रेनेज एवं सीवर सिस्टम व्यवस्थित नहीं होने से हर वर्ष बरसात के मौसम में शहर की हालत बदतर हो जाती है। शहर का सीवर सिस्टम पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। जगह-जगह जल भराव एवं सीवर की गंदगी से लोगों का जीवन नर्क बन चुका है। नगर निगम व प्रशासन लोगों को स्वच्छ वातावरण मुहैया कराने में विफल रहा है। इससे महामारी फैलती है।