समाचार

आखिर क्यों छिंदवाड़ा को मंत्री पद देने से रुक गए सीएम डॉ.यादव

कहीं छिंदवाड़ा के पत्थर में न लिखा जाए,भाजपा सरकार में चौधरी चंद्रभान थे मंत्री

2 min read

छिंदवाड़ा.राजनीतिक दृष्टि से देश-प्रदेश में महत्वपूर्ण छिंदवाड़ा जिले में भाजपा सरकार के कार्यकाल का मंत्री पद 16 साल से दूर है। लाख प्रयासों के बावजूद जिले का कोई विधायक इस पद को छू नहीं सका है। इस पर सीएम डॉ.मोहन यादव की नव निर्वाचित भाजपा विधायक कमलेश शाह को मंत्री पद न दिए जाने संबंधी टिप्पणी दूसरे दिन बुधवार को सियायती चर्चा का विषय रही। आम प्रतिक्रिया यहीं थी कि कहीं छिंदवाड़ा के पत्थरों पर ये ना लिखा जाए कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में चौधरी चंद्रभान सिंह वर्ष 2003-2008 में मंत्री बने थे। उसके बाद कोई भी इस पद के करीब नहीं आ सका।
एक दिन पहले मुख्यमंत्री डॉ.यादव अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की जीत का आभार मानने आए थे। इस दौरान मीडिया से बातचीत में जब उनसे निर्वाचित विधायक कमलेश शाह को मंत्री बनाने से संबंधित सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था कि अभी उनके लिए सिर्फ विकास ही महत्वपूर्ण है। सरकार पांच साल तक है। इस टिप्पणी से कमलेश समर्थकों के साथ जिले की जनता निराश हो गई है। उन्हें आस थी कि जिन विपरीत राजनीतिक परिस्थितियों में कमलेश शाह कांग्रेस से भाजपा में आए और उन्होंने अमरवाड़ा का चुनाव जीता। इससे उन्हें जरूर मंत्री पद से नवाजा जाएगा। फिलहाल सीएम की टिप्पणी से मंत्री पद दूर हुआ है। उनका सवाल यह है कि कांग्रेस में भाजपा में आए रामनिवास रावत मंत्री बन सकते हैं तो फिर कमलेश क्यों नहीं बन सकते? उन्हें इसका जवाब तो देना होगा।
…..
कहीं जिले में दूसरा न बन जाए पावर सेंटर

भाजपा के गलियारों से एक बात यह निकलकर सामने आ रही है कि कमलेश शाह के मंत्री बन जाने से पहली पंक्ति में खड़े नेताओं को तकलीफ हो जाती। जिले में दूसरा पावर सेंटर बन जाता। इसके चलते कहीं न कहीं राजनीतिक नुकसान संभावित था। इसके चलते भाजपा नेतृत्व ने कमलेश को मंत्री पद दिए जाने से दूरी बना ली। यह पूरा मामला केन्द्रीय नेतृत्व पर डाल दिया।
……

वर्ष 2003 में चंद्रभान सिंह को मिला था पद
भाजपा सरकार के कार्यकाल को देखा जाए तो वर्ष 2003 में बनी उमा भारती सरकार में चौधरी चंद्रभान सिंह को मंत्री पद मिला था। वे वर्ष 2008 तक मंत्री बने रहे। उसके बाद वर्ष 2013 में उनके मंत्री बनने का अवसर आया था लेकिन एन वक्त पर नाम कट गया।
…..
ये अलग है..वर्ष 2018 में सीधा सीएम पद

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार आई तो कमलनाथ को सीधे मुख्यमंत्री पद मिला। ये सरकार 20 मार्च 2020 तक चली। उसके बाद फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ विवाद की वजह से भाजपा सरकार लौटी। पिछले 6 साल में दो विधानसभा चुनाव हो गए। अब एक को छोडकऱ छह विधायक कांग्रेस के है। कभी किसी को मंत्री पद नहीं मिल सका।

Also Read
View All

अगली खबर