Heavy Rain Alert : मौसम विभाग ने अगले 5 से 6 दिनों तक भारी बारिश की संभावना जताई है। यूपी के कुछ जिलों में बारिश के साथ आंधी चलने और ओले गिरने का अलर्ट जारी किया गया है।
नोएडा : दक्षिण-पश्चिम मानसून धीरे-धीरे विदा ले रहा है, लेकिन जाते-जाते पूरे प्रदेश में भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को चेतावनी जारी की है कि अगले 5-6 दिनों तक प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। वहीं, पश्चिमी विक्षोभ के असर से उत्तर-पश्चिम भारत में भारी वर्षा की संभावना है।
बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर और आसपास के इलाकों में कहीं-कहीं पर बारिश के साथ 30-40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज़ झोंकेदार हवाएं चलने की संभावना है।
प्रतापगढ़, जौनपुर, आजमगढ़, गोंडा, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और आसपास के क्षेत्रों में मेघगर्जन व वज्रपात होने की संभावना है।
साथ ही प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर (भदोही), जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, बस्ती, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और आसपास के इलाकों में भी मेघगर्जन व वज्रपात की संभावना बनी हुई है।
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 7 और 8 अक्टूबर को उत्तर-पश्चिम भारत जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा में भारी वर्षा दर्ज हो सकती है। इससे ठंड बढ़ने के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन का जोखिम भी है।
मानसून की वापसी को लेकर अच्छी खबर यह है कि अगले 3-4 दिनों में गुजरात के क्षेत्रीय भागों, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और महाराष्ट्र के चुनिंदा इलाकों से दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरी तरह लौट सकता है। इससे उत्तर भारत में सर्दी का आगमन तेज होगा।
पिछले 24 घंटों (7 अक्टूबर सुबह 8:30 बजे तक) में मौसम ने कई राज्यों को भिगोया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा (7-20 सेमी) हुई, जिससे सड़कें जलमग्न हो गईं और यातायात प्रभावित रहा।
विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि हुई, जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा। आईएमडी के अनुसार, इन घटनाओं से कई जिलों में बिजली गुल हो गई और राहत कार्य शुरू हो गए हैं।