नोएडा

ओज फाउंडेशन के चौथे स्थापना दिवस के मौके पर ‘ओज उत्सव 2025’ भव्यता के साथ हुआ सम्पन्न, ऊर्ज सूत्र बुक लॉन्च

Ooj Utsav 2025: ओज उत्सव 2025 का समापन हो चुका है। इस अवसर ने भारत और नेपाल दोनों देशों के सांस्कृतिक धागों को और मजबूत करने का काम किया है। हर तरफ इसकी चर्चाएं हो रही हैं।

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Jul 29, 2025
ओज फाउंडेशन के चौथे स्थापना दिवस के मौके पर ‘ओज उत्सव 2025’ भव्यता के साथ हुआ सम्पन्न

ओज फाउंडेशन के चौथे स्थापना दिवस के गौरवशाली अवसर पर 25 जुलाई 2025 को होटल याक एण्ड यति में ‘ओज उत्सव 2025’ का कार्यक्रम भव्य और दिव्य रूप से ऐतिहासिक आध्यात्मिक एवं युवा सशक्तिकरण महोत्सव के रूप में सम्पन्न हुआ। यह आयोजन भारत-नेपाल सांस्कृतिक संबंधों की गहराई, आध्यात्मिक समरसता और युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए समर्पण का प्रतीक बनकर उभरा है। कार्यक्रम का शुभारंभ हिमालयी साधक और ओज फाउंडेशन के संस्थापक योगी प्रियव्रत अनिमेष जी ने सनातन परंपरा के अनुसार दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया।

ओज फाउंडेशन के चौथे स्थापना दिवस के मौके पर एक विशेष पुस्तक “ऊर्ज सूत्र” का विमोचन भी किया गया और साथ ही नेपाल में आध्यात्मिक पर्यटन को केंद्र में रखकर निर्मित दो लघु फिल्मों की स्क्रीनिंग भी की गई। इस प्रोग्राम ने भारत और नेपाल दोनों देशों के सांस्कृतिक धागों को और मजबूत करने का काम किया है। ‘ओज उत्सव’ जैसे आयोजन इस गहराई को जनमानस तक पहुंचाकर एक मजबूत सामाजिक-सांस्कृतिक पुल का निर्माण करते हैं।

सुप्रसिद्ध सितार वादक सीता मैया राजचल जी ने ओज उत्सव के इस शुभ संध्या में सुरों का जादू बिखेरा। उनकी प्रस्तुतियां अंतरराष्ट्रीय मंचों पर काफी पसंद की जा चुकी हैं। इस कार्यक्रम में भारत और नेपाल के अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी हुई कई जानी मानी हस्तियों ने भाग लिया था, जिसमें प्रमुख रूप से श्री श्याम जाजू (पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भाजपा), श्री योगेश्वर दत्त (ओलंपियन), श्री संदीप राणा (समाजसेवी), श्री ब्रिजपाल मालिक, श्रीमती ज्योतिका झलानी, सांसद दीपक बहादुर सिंह, सांसद श्रीमती रंजू ठाकुर, सांसद राम हरी जी,विधायक नीमा गिरी, गोविंद बहादुर शाह जी शामिल हुए।

इस अवसर पर श्री श्याम जाजू (पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भाजपा) ने भारत और नेपाल को लेकर बात भी की। उन्होंने कहा, "भारत और नेपाल केवल दो राष्ट्र नहीं, बल्कि एक ही संस्कृति की दो अभिव्यक्तियां हैं। हमारे बीच की सीमाएं केवल राजनीतिक हैं, क्योंकि आत्मा से हम हमेशा से इससे जुड़े रहे हैं। इस प्रकार के आयोजनों से दोनों देशों की सांस्कृतिक एकता और सहयोग को नई गति मिलेगी।”

श्री योगेश्वर दत्त (ओलंपियन) ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा, “एक खिलाड़ी को जिस तरह से साधना करनी पड़ती है, उसी तरह आध्यात्मिक जीवन भी अभ्यास और अनुशासन से भरा होता है। दोनों देशों की साझी विरासत-भाषा, परंपरा, धर्म और दर्शन से जुड़ी हैं और ओज उत्सव जैसे आयोजनों से यह रिश्ता और भी मजबूत हो रहा है।”

श्री संदीप राणा (समाजसेवी) ने कहा ने भी इस आयोजन को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल ये केवल दो राष्ट्र नहीं, बल्कि एक ही संस्कृति की दो अभिव्यक्तियां हैं। हमारे बीच की सीमाएं केवल राजनीतिक हैं, आत्मा से हम सदा जुड़े रहे हैं। सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक रूप से हमारा रिश्ता राम–जानकी के काल से चला आ रहा है। ओज उत्सव जैसे आयोजनों से दोनों देशों को आध्यात्मिक नेतृत्व मिलेगा और साथ ही यह योग, वेद, धर्म और परंपराओं को जोड़ने में एक सेतु का कार्य भी करेगा|

कार्यक्रम के आखिर में पूज्य योगी प्रियव्रत अनिमेष जी ने कार्यक्रम की अपार सफलता के लिए सभी को बधाई देते हुए कहा, “ओज उत्सव 2025 के इस दिव्य समापन पल पर मेरा दिल कृतज्ञता से भर गया है। यह केवल एक आयोजन नहीं था, यह हमारी आत्मा की पुकार थी, जो आध्यात्मिकता, राष्ट्र सेवा और युवा शक्ति को एक सूत्र में पिरोने का प्रयास था।”

पूज्य योगी प्रियव्रत अनिमेष जी ने आगे कहा, “नेपाल की पुण्यभूमि, पशुपतिनाथ की छाया और हिमालय की दिव्यता में हमने जो संकल्प लिए हैं, वह अब पूर्ण होते दिख रहे हैं। लोगों को अपने अंदर आत्म चेतना जगाने का प्रयास करना चाहिए और सभी को सत मार्गों पर चलना चाहिए।”

योगी जी ने कार्यक्रम में शामिल सभी अतिथियों, गणमान्य महानुभावों, आयोजकों, कलाकारों और समस्त सहयोगियों का दिल से धन्यवाद किया, जिनके सहयोग और अथक प्रयास से यह आयोजन सफल हो पाया।‘ओज उत्सव 2025’ ने यह सिद्ध कर दिया कि ध्यान, विचार और संगीत के माध्यम से सीमाएं नहीं दिल जुड़ते हैं। यह आयोजन निश्चय ही भारत-नेपाल मैत्री के इतिहास के लिए एक सुनहरा अध्याय बनकर उभरेगा।

Updated on:
29 Jul 2025 06:14 pm
Published on:
29 Jul 2025 06:08 pm
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