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सकारात्मक दिशा देना जरूरी
युवाओं को नशाखोरी से बचाने के लिए उन्हें सकारात्मक मार्गदर्शन देना चाहिए। खेलकूद, योग और सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ना चाहिए ताकि उनका तनाव दूर हो सके। परिवार और समाज को मिलकर एक सकारात्मक माहौल बनाना होगा जिससे युवा गलत संगत से बचें और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें। - आस्था, मेड़ता सिटी
नशाखोरी के खिलाफ सख्त राष्ट्रीय अभियान
डिजिटल युग में नशीले पदार्थों की तस्करी और अवैध बिक्री तेजी से बढ़ रही है। केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर स्वच्छता अभियान की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर पर नशा विरोधी अभियान चलाना चाहिए। शराब के ब्रांड और सार्वजनिक बिक्री पर रोक लगे तथा नशा तस्करों पर कठोर कार्रवाई हो। सीसीटीवी कैमरों से निगरानी बढ़ाई जाए। - डॉ. नयन प्रकाश गांधी, कोटा
विनाश का कारण नशा
आजकल सामाजिक आयोजनों में नशा एक स्टेटस सिम्बल बन गया है, जिससे युवा आकर्षित हो रहे हैं। यह प्रवृत्ति समाज के लिए खतरनाक है। नशाखोरी केवल आपराधिक नहीं, बल्कि सामाजिक समस्या भी है। इसे खत्म करने के लिए समाज में सुधार और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। - प्रदीप सिंह भाटी, जयपुर
कुसंगति से दूर रहना ही असली उपाय
नशे की लत अधिकतर गलत संगत और जिज्ञासा से शुरू होती है, जो धीरे-धीरे आदत बन जाती है। स्कूल और कॉलेज स्तर पर इस पर सतर्कता जरूरी है। समाज को ऐसे तत्वों की पहचान कर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए जो युवाओं को नशे की ओर धकेलते हैं। - ललित महालकरी, इंदौर
शिक्षा और रोजगार से रुकेगी नशे की प्रवृत्ति
युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए पाठ्यक्रम में इसके दुष्परिणाम शामिल किए जाने चाहिए। नाटक, विज्ञापन और जागरूकता अभियानों से भी उन्हें संवेदनशील बनाया जा सकता है। सरकार को स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने होंगे, क्योंकि बेरोजगारी भी नशाखोरी का कारण बनती है। नशा मुक्ति केंद्रों से नियमित परामर्श दिलाया जाना चाहिए। - शैलेंद्र टेलर, गणेश नगर, उदयपुर