पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत हैं पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं
अच्छा प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित करें
घर-घर जाकर व्यावहारिक रूप से गीले और सूखे कचरे के महत्त्व के बारे में बताना चाहिए। स्कूलों में विद्यार्थियों को भी समझना चाहिए कि गीला कचरा खाद बनाने के काम आता है और सूखे कचरे को रीसाइकिल कर सकते हैं। नुक्कड़ नाटक सोशल मीडिया और प्रबुद्ध लोग स्थानीय पंचायत, जनप्रतिनिधि और मीडिया भी महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। गली मोहल्ले में समाज के सफल और प्रतिष्ठित लोगों को ब्रांड एंबेसेडर बनाकर लोगों को जागरूक किया जा सकता है। अच्छा प्रदर्शन करने वाले लोगों को प्रोत्साहित और सम्मानित करने से भी अच्छे परिणाम आ सकते हैं। - डॉ. माधव सिंह भामु, सीकर
स्वच्छता के बारे में पढ़ाया जाए
कचरे को गीले व सूखे में बांटने और स्वच्छता जैसे विषयों के बारे में आम जनता को बचपन से ही शिक्षित व प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। हमें स्वच्छता और कचरे के वर्गीकरण से संबंधित विषयों को स्कूलों की प्राथमिक कक्षा की पाठ्यपुस्तकों में गीतों, कहानी व आलेखों के माध्यम से आम लोगों को पढ़ाना चाहिए। - श्रीनिवास कृष्णन, अहमदाबाद
टास्क फोर्स का गठन हो
घरों में हर रोज निकलने वाले हजारों टन गीले सूखे कचरे का सुरक्षित निस्तारण तभी संभव है जब लोग सही तरीके से गीले और सूखे कचरे को एकत्रित कर निर्धारित स्थान पर ही डालें। सामाजिक जिम्मेदारी समझ कर सार्वजनिक स्थानों पर कचरे को डालने के बजाय निर्धारित डस्टबिन में ही डालें। स्थानीय लोगों, छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं की टास्क फोर्स का गठन किया जाना चाहिए, जो लोगों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक करे और जिम्मेदार निकाय को भी सचेत करे। कचरा प्रबंधन के लिए जिम्मेदार निकाय टास्क फ़ोर्स के सदस्यों की बात को हल्के में न लेकर उनकी बात सुने और त्वरित कार्रवाई करे। - बिपिन चंद्र जोशी, बेंगलूरु