राजस्थान में दूध सागर के नाम मशहूर राजसमंद और पाली जिलों की सीमा रेखा पर स्थित है भील बेरी झरना राजस्थान का सबसे ऊंचा झरना कहलाता है।
पाली. राजस्थान में दूध सागर के नाम मशहूर राजसमंद और पाली जिलों की सीमा रेखा पर स्थित है। भील बेरी झरना राजस्थान का सबसे ऊंचा झरना कहलाता है। अरावली क्षेत्र में अच्छी बारिश होने से क्षेत्र का सबसे बड़ा पर्यटक स्थल भील बेरी पर 182 फीट की ऊंचाई पर झरना बहना लगा है। अरावली की वादियों में बसा यह झरना फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस की शूटिंग के दौरान दिखाए गए दूध सागर जैसा लगता है। यहां आने पर ऐसा महसूस होता है कि आप दार्जिलिंग में आ गए है। मानसून में हजारों पर्यटक इस स्थान पर घूमने के लिए आते हैं। यह अरावली पर्वत श्रृंखला का सर्वाधिक उच्चतम झरना है जब यह झरना ऊंचाई से गिरता है तो वो देखने पर ऐसा ही लगता है कि यह दूध सागर है।
मारवाड़ जंक्शन रेलवे स्टेशन से राणावास होते हुए सड़क मार्ग से करमाल चौराहा तक आने के बाद कामली घाट रोड पर 5 किलोमीटर दूर यह झरना स्थित है। यहां जंगल से पहाड़ी के दुर्गम टेढ़े-मेढ़े रास्ते से पहुंचा जा सकता है।
रावली टॉडगढ़ अभयारण्य में प्रमुख रूप से स्लॉथ बीयर, तेंदुआ, जंगली सूअर, चार सींग वाले मृग, हाइना, रूडी मैन्गोज, सांभर, ग्रे जंगल फाउल, रेड स्परफाउल जैसी कई प्रजातियां पाई जाती हैं।
हर वर्ष उदयपुर वन विभाग की ओर से यह झरना देखने के लिए विशेष टूर निकाला जाता है। जिसमें आपको वन विभाग वहां की हर जगह का भ्रमण कराता है। उदयपुर वन विभाग की ओर से देशी-विदेशी पर्यटकों को विशेष ऑफर भी दिए जाते है जिसमें पर्यटक वहां खाने से लेकर रुकने तक की सुविधा दी जाती हैं।
झीलों की नगरी उदयपुर से गोरम घाट लगभग 5 से 6 घंटे की दूरी पर है। हालांकि, उदयपुर से गोरम घाट के लिए कोई सीधी ट्रेन नहीं है। गोरम घाट जाने के लिए पहले हमें उदयपुर से मारवाड़ जंक्शन रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा।
मारवाड़ जं.-खामली घाट वैली क्वीन हैरिटेज ट्रेन प्रत्येक सोमवार, बुधवार, गुरूवार, शनिवार व रविवार को मारवाड़ जं. से 09.45 बजे रवाना होकर 12.45 बजे खामली घाट पहुंचती है।
खामली घाट-मारवाड जं. वैली क्वीन हैरिटेज ट्रेन प्रत्येक सोमवार, बुधवार, गुरूवार, शनिवार व रविवार को खामली घाट से 2.30 बजे रवाना होकर 5.30 बजे मारवाड जं. पहुंचती हैं।