Rajasthan News: पाली जिले में खाकी को शर्मसार करने वाला एक बड़ा मामला सामने आया है। यहाँ दो थानों के चार पुलिसकर्मियों ने मिलकर तस्करी की एक खेप पकड़ी, लेकिन फर्ज निभाने के बजाय तस्करों से 2 लाख रुपये का सौदा कर उन्हें रफूचक्कर कर दिया। लेकिन जिस कार को घूस लेकर छोड़ा गया, उसे […]
Rajasthan News: पाली जिले में खाकी को शर्मसार करने वाला एक बड़ा मामला सामने आया है। यहाँ दो थानों के चार पुलिसकर्मियों ने मिलकर तस्करी की एक खेप पकड़ी, लेकिन फर्ज निभाने के बजाय तस्करों से 2 लाख रुपये का सौदा कर उन्हें रफूचक्कर कर दिया। लेकिन जिस कार को घूस लेकर छोड़ा गया, उसे कुछ ही देर बाद तीसरे थाने की पुलिस ने धर दबोचा। मामले का खुलासा होने पर एसपी आदर्श सिधु ने सख्त एक्शन लेते हुए चारों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।
घटनाक्रम के अनुसार, देसूरी थाने के हेड कॉन्स्टेबल सोहनलाल, कॉन्स्टेबल बंशीलाल और सादड़ी थाने के हेड कॉन्स्टेबल रामकेश व कॉन्स्टेबल नन्छूराम ड्यूटी के सिलसिले में पाली पुलिस लाइन आए थे। वापसी में निजी कार से लौटते समय रानी थाना क्षेत्र के बूसी और सोमेसर के बीच उन्होंने एक संदिग्ध कार को रुकवाया। कार में 118 किलो डोडा-पोस्त भरा था, जिसे जोधपुर का तस्कर धीरेंद्र जाट ले जा रहा था।
पकड़े जाने के बाद पुलिसकर्मियों ने कार्रवाई करने के बजाय उगाही का रास्ता चुना। तस्कर के मोबाइल से उसके मुख्य सरगना भंवर खिलेरी से संपर्क साधा गया। मामला रफा-दफा करने के लिए 2 लाख रुपये की डील फाइनल हुई। चौंकाने वाली बात यह है कि यह रकम पाली में नहीं, बल्कि जोधपुर के भदवासिया पुलिया के पास एक परिचित की दुकान पर दिलवाई गई। पैसे मिलते ही पुलिसकर्मियों ने तस्कर को 'क्लीन चिट' देकर रवाना कर दिया।
भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की यह चाल तब नाकाम हो गई जब पाली सदर थाना प्रभारी कपूराराम चौधरी की टीम ने मुखबिर की सूचना पर उसी कार को पणिहारी तिराहे पर घेर लिया। सघन तलाशी में जब भारी मात्रा में डोडा-पोस्त बरामद हुआ, तो ड्राइवर धीरेंद्र ने पुलिस के सामने सारा सच उगल दिया। उसने बताया कि कैसे कुछ ही समय पहले चार पुलिसकर्मियों ने उससे पैसे लेकर उसे छोड़ा था।
पूरे प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एसपी आदर्श सिधु ने त्वरित कार्रवाई की। चारों दोषी पुलिसकर्मियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इनके खिलाफ सदर थाने में आपराधिक मामला दर्ज कर जांच एएसपी बाली चैनसिंह महेचा को सौंपी गई है। पुलिस अब उस 'नेटवर्क' की भी तलाश कर रही है जिसके जरिए जोधपुर में घूस की रकम ठिकाने लगाई गई थी।