पाली

फोरलेन पर एसओएस बटन मौन, आपत स्थिति में यात्रियों की मदद के लिए लगाए थे

फोरलेन पर एसओएस बॉक्स दुर्घटना, वाहन खराब होने या किसी आपात स्थिति में यात्रियों को तुरंत मदद दिलाने के लिए लगाए है। ये सोलर पावर से चलते हैं।

less than 1 minute read
Dec 23, 2025
गुंदोज से पाली आने वाले फोरलेन पर लगा एसओएस, जो काम नहीं कर रहाथा। Photo- Patrika

पाली। बर से पिण्डवाड़ा फोरलेन पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगाए एसओएस बटन सिर्फ नाम के रह गए। फोरलेन पर जगह-जगह लगे इन बटनों को दबाने पर ना तो कोई घंटी बजती है और ना सहायता मिलती है। 'पत्रिका' टीम ने पाली से गुंदोज के बीच फोरलेन पर दोनों तरफ लगे एसओएस बॉक्स के बटन दबाए तो एक को छोड़कर अन्य किसी बॉक्स से फोन कॉल नहीं लगा।

इस बारे में जब अधिकारियों से बात की तो उनका कहना था फोरलेन को 15 साल पहले डिजाइन किया था। उस समय एसओएस लगाए थे। आज हर यात्री के पास मोबाइल है। इनका उपयोग कौन करता है? जबकि तकनीकी रूप से यह ऐसा सिस्टम है, जिसमें नेटवर्क ना होने पर भी सहायता के लिए कॉल की जा सकती है।

ये भी पढ़ें

Rajasthan Crime: शेखावाटी में बढ़ते अपराध पर एडीजीपी दिनेश एमएन की बड़ी चेतावनी

क्या है एसओएस

फोरलेन पर एसओएस बॉक्स दुर्घटना, वाहन खराब होने या किसी आपात स्थिति में यात्रियों को तुरंत मदद दिलाने के लिए लगाए है। ये सोलर पावर से चलते हैं। बटन दबाते ही सीधे कंट्रोल रूम से जुड़ जाते हैं, जिससे एम्बुलेंस और पुलिस की मदद तुरंत मिल सकती है।

इन बॉक्स में जीपीएस लगा होता है, जिससे कंट्रोल रूम को सटीक लोकेशन का पता चलता है। सहायता जल्दी पहुंचती है। इनमें मोबाइल नेटवर्क की ज़रूरत नहीं होती है। फोरलेन पर एसओएस बॉक्स 1 से 2 किलोमीटर की दूरी पर लगे होते हैं। कई जगह इनकी दूरी 5 किलोमीटर तक भी होती है।

अब उपयोगिता नहीं

एसओएस की उपयोगिता अब नहीं रह गई है। हर व्यक्ति के पास मोबाइल है। जिस पर हेल्प लाइन के नम्बर डालकर कर मदद ली जा सकती है।

  • हरमिंदरसिंह, पीडी, एनएचएआई

ये भी पढ़ें

राजस्थान में शिक्षा को लेकर अगले 3 साल के लिए क्या है सरकार का रोडमैप, जानिए दो साल में क्या-क्या हुआ

Updated on:
23 Dec 2025 06:09 pm
Published on:
23 Dec 2025 06:08 pm
Also Read
View All

अगली खबर