Hemawas Dam: हेमावास बांध पर मानपुरा से हेमावास की तरफ बनी पाळ के नीचे खेतों के समीप 1 सितम्बर को सीपेज हो गया था। उस समय वहां मिट्टी के कट्टों से कॉपर डेम बनाया था।
राजस्थान के पाली में मानपुरा भाखरी के पास बने 100 साल पुराने हेमावास बांध में 1 सितम्बर को सीपेज (रिसाव) हो गया था। उस जगह पानी का बहाव तेज हो गया। पानी के साथ मिट्टी भी बाहर आने लगी। इस पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ किसानों की धड़कनें बढ़ गई। बांध के शाम तक पानी के साथ मिट्टी निकलती रही। वहां एहतियात के तौर पर मिट्टी के चंद कट्टे व कंकरीट रखी गई।
हेमावास बांध पर मानपुरा से हेमावास की तरफ बनी पाळ के नीचे खेतों के समीप 1 सितम्बर को सीपेज हो गया था। उस समय वहां मिट्टी के कट्टों से कॉपर डेम बनाया था। उस समय पानी में मिट्टी का बहाव नहीं था। पानी भी एक गति से निकल रहा था। अधिकारियों ने उसे फिल्टर से पानी का रिसाव बताया था। उसके बाद वहां से गुजर रहे किसानों ने देखा कि पानी का रिसाव तेज हुआ है। मिट्टी निकल रही है।
उन्होंने वहां लगे कट्टों को ठीक किया और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। उन्होंने मौके पर पहुंचकर पानी की गति को कम करने के लिए कॉपर डेम को ठीक करवाया। इसके बाद सिंचाई विभाग के मांगू खां परिहार, ग्रामीण कानाराम, शेषाराम, मुराद खान आदि पूरे दिन उसी जगह पर बैठकर पानी के रिसाव को देखते रहे, जिससे खतरा होने पर तुरंत कदम उठाया जा सके।
हेमावास बांध पर सीपेज होने वाली जगह से सिंचाई विभाग की ओर से झाड़ियां हटवाई थी। उसके आस-पास भी झाड़ियां उगी हैं। उनको अभी तक नहीं हटाया है। किसानों व ग्रामीणों का कहना है कि यदि उन झाड़ियों में पानी का सीपेज हो रहा होगा तो वह नजर नहीं आ रहा है। यहां मिट्टी के कट्टे भी पन्द्रह-बीस ही पड़े हैं।
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बांध से पानी का रिसाव होने पर यहां झाड़ियां कटवाई गई। रिसाव इतने दिन से हो रहा है। आज तेज हो गया था। इसकी सूचना पर यहां आकर कॉपर डेम को ठीक करवाया। विभाग ने बरसात से पहले ध्यान दिया होता तो शायद सीपेज नहीं होता।
सुल्तान सिंह, पूर्व पार्षद, मानपुरा
जिस जगह पर रिसाव हो रहा है। उसके सामने ही मेरा खेत है। आज सुबह से इसमें मिट्टी निकल रही है। इसका पता लगने के बाद से यहां बैठे है।