पाली

कोबरा ने डसा, 264 घंटे वेंटिलेटर पर जिंदगी-मौत से लड़ता रहा युवक, 50 एंटी स्नैक वेनम लगाए, फिर हुआ चमत्कार

डॉक्टरों ने बताया कि मरीज को लकवा हो गया था। उसे 11 दिन तक वेंटिलेटर पर रखकर 50 एंटी स्नैक वेनम लगाए। तंत्रिका तंत्र को ठीक करने के लिए एट्रोपिन व एडलीन आदि इंजेक्शन लगाए।

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Aug 25, 2025
मरीज के ठीक होने पर उसके साथ चिकित्सक। फोटो- पत्रिका

राजस्थान के पाली के सुमेरपुर के रहने वाले एक व्यक्ति को सांप के डसने के बाद नया जीवन मिला है। पाली के चिकित्सकों व नर्सिंग अधिकारियों की टीम ने 11 दिन तक उसका उपचार कर जीवन बचाया। सुमेरपुर निवासी कपूराराम पुत्र अमराराम को 14 अगस्त को कोबरा ने काट लिया था।

इसका पता परिजनों को नहीं लगा। वे किसी जंतु के काटने के अंदेशे से कपूराराम को सुमेरपुर चिकित्सालय ले गए। वहां तबीयत अधिक खराब होने पर पाली भेजा। जब तक उसे पाली लाया, वह बेहोश हो चुका था। पाली में मेडिकल कॉलेज मेडिसिन विभाग विभागाध्यक्ष डॉ. प्रवीण गर्ग के निर्देशन में डॉ. बालोटिया, डॉ. उमेद, डॉ. पर्शिका, डॉ. अनिल, डॉ. देवंश, डॉ. गजेन्द्र आदि ने उपचार शुरू किया।

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मरीज को लकवा

मरीज को लकवा हो गया था। उसे 11 दिन तक वेंटिलेटर पर रखकर 50 एंटी स्नैक वेनम लगाए। तंत्रिका तंत्र को ठीक करने के लिए एट्रोपिन व एडलीन आदि इंजेक्शन लगाए। इससे मरीज ठीक हुआ। उसे रविवार को घर भेजा गया। उपचार में उपचार में शामिल डॉ. अनुषा, डॉ. भूमि, डॉ. नरेश, डॉ. विवेक व डॉ. निदेश, नर्सिंग अधिकारी राजेन्द्रसिंह उदावत, नंदकिशोर, जनक व राजेश ने सहयोग किया।

विषैले सांप के डसने के लक्षण

सांप के काटने पर त्वचा पर काटने वाले जगह पर बने घाव में दर्द होता है। जलन होती है। कई बार ऐसा नहीं होता है। त्वचा का रंग बदल जाता है। पसीना आता है। लार गिरती है। उल्टी आती है। सिरदर्द, चक्कर आना और धुंधला दिखना शुरू हो जाता है। रक्तस्राव जो रुकता नहीं है। हृदय गति तेज हो जाती है। नाड़ी कमजोर पड़ जाती है। सांस लेने में परेशानी होती है। चेहरे या अंगों में मांसपेशियों में कमजोरी या मरोड़ आते है। वहां सुन्नता आ जाती है।

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इन्होंने कहा

व्यक्ति को कोबरा ने डसा था। उसका जहर न्यूरोपेरेलाइट तरह का था। जो श्वसनतंत्र को क्षतिग्रस्त कर देता है। मरीज को 50 एंटी स्नैक वेनम लगाए। तंत्रिका तंत्र के लिए भी इंजेक्शन लगाए। उसे पहले आठ दिन और उसके बाद तीन और दिन वेंटिलेटर पर रखा। इसके बाद वह ठीक हुआ।
डॉ. प्रवीण गर्ग, विभागाध्यक्ष, मेडिसन विभाग, मेडिकल कॉलेज, पाली

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