MP News: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महामंत्री और स्टोन क्रेशर प्रोपराइटर पर कलेक्टर न्यायालय ने अवैध खनन का राज खोलते हुए 1 अरब 24 करोड़ से अधिक का भारी-भरकम जुर्माना ठोका।
Illegal Mining:पन्ना के कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महामंत्री और डायमंड स्टोन क्रेशर के प्रोपराइटर श्रीकांत उर्फ पप्पू दीक्षित (Congress Leader Shrikant Dixit) पर गुनौर तहसील के बिलघाड़ी में पत्थरों का अवैध खनन करने पर कलेक्टर न्यायालय ने 1 अरब 24 करोड़ 55 लाख 85 हजार 600 रुपए का जुर्माना लगाया है।
उप संचालक खनिज प्रशासन पन्ना एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गुनौर के जांच प्रतिवेदन के आधार पर यह निर्णय पारित किया गया। साथ ही उप संचालक खनिज प्रशासन फना को कांग्रेस नेता से राशि नियमानुसार वसूल कर शासकीय कोष में जमा कराने निर्देशित किया है। (mp news)
कलेक्टर से शिकायत की गई थी कि गुनौर तहसील के बिलघाड़ी स्थित मेससे डायमंड स्टोन क्रेशर के प्रोपराइटर व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महामंत्री श्रीकांत उर्फ पप्पू दीक्षित निवासी टिकुरिया मोहल्ला पन्ना द्वारा गुनौर में गिट्टी क्रेशर के लिए पत्थर निकालने का कार्य स्वीकृत क्षेत्र के बाहर किया जा रहा है। इससे करोड़ों की रॉयल्टी चोरी हो रही है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेता का भोपाल तक कोई काम नहीं रुकता। उप संचालक खनिज प्रशासन से जांच कराई गई।
जिला दंडाधिकारी ने 20 अगस्त को मन खनिज अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण नियम की धारा के उल्लंघन पर कारण बताओ नोटिस जारी कर। सितम्बर की पेशी तिथि नियत की। कलेक्टर न्यायालय ने माना कि प्रकरण में नोटिस जारी कर जवाब के लिए पर्याप्त एवं समुचित समय दिया गया, अधिवक्ता आदेश में लेख की गई टीप से यह प्रमाणित होता है कि वे इस न्यायालय के आदेशों को मानने के लिए तैयार नहीं है। कलेक्टर न्यायालय ने यह भी पाया कि रामलखन त्रिपाठी और शिवकुमार त्रिपाठी ने शासन की छवि धूमिल करने का प्रयास किया था। (mp news)
साक्षियों के कथनों के आधार पर यह पाया गया कि पूर्व की निरस्त लीज की बकाया राशि जमा करने का कोई प्रमाण प्रकरण में प्रस्तुत नहीं किया गया है। साथ ही गिंद्री खनन के सर्वे नंबरों से लगी भूमियों पर अनावेदक के पुत्र के नाम से भण्डारण की लीज स्वीकृत कराई गई। अनावेदक द्वारा मात्र 99 हजार 300 घनमीटर की रायल्टी जमा कराई गई है, जबकि उत्तानन 2 लाख 72 हजार 298 घन मीटर किया गया है। (mp news)
यह भी पाया गया कि अनावेदक ने उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट पिटीशन प्रस्तुत कर कलेक्टर न्यायालय के अभिलेख को तलब किए जाने, कलेक्टर पन्ना के विरुद्ध कार्रवाई और स्थानांतरण किए जाने, अनावेदक के विरुद्ध प्रचलित प्रकरणों को अन्य जिले के प्राधिकारी को अंतरित करने, अनावेदक के विरुद्ध कोई भी नई जांच प्रारंभ नहीं किए जाने याचिका प्रस्तुत की गई। लेकिन उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा 17 सितंबर को खारिज कर दिया गया। (mp news)
कलेक्टर न्यायालय ने माना कि मामले में पर्याप्त एवं उचित अवसर नोटिस जारी तिथि से ही प्रदान किया जा रहा है, लेकिन अनावेदक द्वारा आदेशों की लगातार अवमानना कर प्रकरण को लंबित रखने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। अनावेदक के पास अवैध उत्खनन का कोई पर्याप्त दस्तावेजी बचाव साक्ष्य नहीं है। इसके साथ ही प्रकरण को लंबित रखने के उद्देश्य से अनावेदक निरंतर नए आवेदन प्रस्तुत कर रहे हैं। इससे कोर्ट का सामय बर्बाद हो रहा है। (mp news)