Bihar Energy Project: बिहार सरकार ने नवादा में 1200 MW और 920 MW के दो पंप स्टोरेज पावर प्लांट के लिए प्राइवेट कंपनियों के साथ 13,000 करोड़ के MoU साइन किए हैं। यह अब तक राज्य का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट है। इस ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट से लगभग 8,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है।
Bihar Energy Project: बिहार ने अब तक का सबसे बड़ा एनर्जी प्रोजेक्ट लॉन्च करके रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य में लगभग 13,000 करोड़ रुपये की लागत से 2120 मेगावाट क्षमता वाले दो पंप्ड स्टोरेज पावर प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ बिहार की एनर्जी जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि लगभग 8,000 लोगों के लिए रोजगार भी पैदा करेगा। मंगलवार को पटना के विद्युत भवन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में एक समारोह में बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड (BSPGCL) और चुनी गई एजेंसियों के बीच दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए।
इस परियोजना के तहत नवादा जिले में 1200 मेगावाट और 920 मेगावाट क्षमता के दो पंप स्टोरेज पावर प्लांट बनाए जाएंगे। यह परियोजनाएं ऑफ-स्ट्रीम और क्लोज्ड-लूप तकनीक पर आधारित होंगी, जिससे मॉनसून के समय जल का भंडारण कर बिजली उत्पादन किया जाएगा। इस तकनीक की खासियत यह है कि इससे नदियों के प्राकृतिक प्रवाह पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता और बिजली ग्रिड की स्थिरता बनी रहती है।
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने इसे बिहार का अब तक का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट बताया और कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दूरदर्शी नेतृत्व में बिहार एनर्जी सिक्योरिटी की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों से राज्य में बिजली सप्लाई का कोई संकट नहीं आया है और यह प्रोजेक्ट बिहार को साफ और बिना रुकावट वाली बिजली देने में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने निवेशकों से बिहार में और ज़्यादा औद्योगिक अवसरों को तलाशने की अपील की और कहा कि यह प्रोजेक्ट 2070 तक भारत के नेट-जीरो एमिशन के लक्ष्य को हासिल करने में भी अहम भूमिका निभाएगा।
नई सरकार बनने के बाद बिहार में यह पहला बड़ा निवेश समझौता है। ग्रीनको एनर्जीज प्राइवेट लिमिटेड इस प्रोजेक्ट में लगभग 7,800 करोड़ रुपये और सन पेट्रोकेमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड लगभग 5,200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। दोनों प्रोजेक्ट पूरी तरह से एजेंसियां अपने खर्च पर डेवलप करेंगी, जबकि BSPGCL सभी जरूरी सरकारी सहायता देगी। इन प्रोजेक्ट्स को छह साल के अंदर पूरा करने का लक्ष्य है। खास बात यह है कि एजेंसियों का चयन और MoU पर साइन पंप स्टोरेज पॉलिसी-2025 की घोषणा के सिर्फ पांच महीने के अंदर पूरे हो गए।
इन प्रोजेक्ट्स से कंस्ट्रक्शन के दौरान लगभग 8,000 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, ये पावर प्रोजेक्ट राज्य को पीक डिमांड को मैनेज करने, ग्रिड की स्थिरता सुनिश्चित करने और सस्ती दरों पर बिजली सप्लाई करने की बेहतर क्षमता देंगे।