पटना

‘अब्दुल तू चुप बैठ, वरना BJP आ जाएगी’, तेजस्वी-सहनी गठजोड़ पर भड़की ओवैसी की पार्टी

Bihar Election: महागठबंधन का सीएम और डिप्टी सीएम फेस तय होने के बाद से सियासी बयानबाजी तेज है। अब AIMIM ने इस बात पर अपनी नाराजगी जाहीर की है। AIMIM उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शौकत अली ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर महागठबंधन पर करारा वार किया है। 

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Oct 24, 2025
सोशल मीडिया पर AIMIM शौकत अली द्वारा किया गया पोस्ट

Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के सीएम और डिप्टी सीएम चेहरे के ऐलान के बाद अब सियासी पारा चढ़ गया है। तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए जाने और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) प्रमुख मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम फेस बनाए जाने के बाद ओवेसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने महागठबंधन पर जोरदार हमला बोला है। AIMIM ने सवाल उठाया है कि आखिर 18 फीसदी मुस्लिम आबादी को सत्ता में भागीदारी क्यों नहीं दी गई?

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2% वाला डिप्टी सीएम, 18% दरी बिछावन मंत्री

AIMIM के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने सोशल मीडिया पर तीखा हमला करते हुए लिखा, “2% वाला उपमुख्यमंत्री, 13% वाला मुख्यमंत्री और 18% वाला दरी बिछावन मंत्री। जब हम कुछ कहेंगे तो बोलेंगे ‘अब्दुल तू चुप बैठ, वरना BJP आ जाएगी!’” शौकत अली ने महागठबंधन पर मुस्लिमों को केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुसलमान हर बार कांग्रेस और आरजेडी को खुला समर्थन देते हैं, लेकिन सत्ता में उनका प्रतिनिधित्व हमेशा न के बराबर रहता है।

AIMIM का आरोप- मुसलमानों की वफादारी का कोई इनाम नहीं

शौकत अली ने एक और पोस्ट रिशेयर किया, जिसमें लिखा था, “सहनी समाज की आबादी महज 4% है, लेकिन उन्हें डिप्टी सीएम का चेहरा बना दिया गया। जबकि मुसलमानों की वफादारी 100% है, फिर भी स्टेज पर पहली लाइन में भी जगह नहीं मिलती। मुख्यमंत्री और डिप्टी मुख्यमंत्री बनना तो दूर, सपना देखने की भी इजाज़त नहीं।” उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज ने हमेशा महागठबंधन का साथ दिया है, लेकिन सम्मान और भागीदारी के नाम पर उसे दरकिनार किया जाता है।

सोशल मीडिया पर सियासी जंग छिड़ी

AIMIM के पोस्ट के बाद सियासी हलकों में बहस छिड़ गई। पत्रकार हर्ष वर्धन त्रिपाठी ने शौकत अली के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “मुसलमान BJP को हराने के लिए वोट देते हैं और यही बात कांग्रेस और RJD जानते हैं। मुझे नहीं लगता आपके इस तरह के पोस्ट से एक भी मुसलमान तेजस्वी यादव के लिए दरी बिछाने से पीछे नहीं हटेगा। हालांकि, सच यह भी है कि, नीतीश कुमार ने मुसलमानों के लिए बहुत कुछ किया, लेकिन उनको भी मुसलमान मत नहीं देता है”

जवाब में शौकत अली ने फिर लिखा, “मुसलमानों की मुश्किलों का हल न जेडीयू में है, न कांग्रेस या आरजेडी में। जिस दिन मुसलमान कांशीराम जी की तरह सोचना शुरू करेगा, उस दिन उसके मसले खुद हल हो जाएंगे।”

क्या है AIMIM की नाराज़गी की जड़?

बिहार में मुस्लिम आबादी करीब 17.7% है। कई सीटों पर उनका वोट निर्णायक होता है। बावजूद इसके, महागठबंधन के किसी भी दल ने अब तक मुस्लिम नेता को टॉप पोज़िशन नहीं दी। मुकेश सहनी की VIP पार्टी का जनाधार मात्र 2% से 4% के बीच है, फिर भी उन्हें “डिप्टी सीएम फेस” बनाया गया।

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