बिहार सरकार चुनाव की घोषणा से पहले प्रदेश के रजिस्टर्ड मजदूरों के खाते में 5000 डालने का निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले से सरकार को 900 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
बिहार में विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। चुनाव के करीब आते ही बिहार की नीतीश सरकार सौगतों की बारिश कर रही है। नौकरी, रोजगार, पेंशन में बढ़ोतरी के बाद सरकार बिहार में काम करने वाले रजिस्टर्ड मजदूरों को भी दीवाली पर एक बड़ा गिफ्ट देने का फैसला किया है। सूत्रों का कहना है कि बिहार सरकार की ओर से इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। इसकी औपचारिक घोषणा 17 सितंबर को होने की संभावना है।
बिहार सरकार प्रदेश के रजिस्टर्ड मजदूरों (श्रमिकों) को 17 सितंबर को 5000 रूपया देने की घोषणा कर सकती है। बिहार सरकार विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर यह सौगात देने का फैसला किया है। सरकार के इस सौगात का लाभ श्रम विभाग में एक साल पहले तक निबंधित करीब 1750000 श्रमिकों को प्रति परिवार 5000 रुपये एकमुश्त कपड़े खरीदने के लिए देगी। इस पर सरकार को 900 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। श्रम विभाग प्रदेश में होने वाले प्रत्येक निमार्ण कार्य पर 1 % लेबर सेश लेती है।
इस लेबर सेस कोष में अभी विभाग के पास 3000 करोड़ की राशि जमा है। इस राशि को किसी अन्य मद में सरकार खर्च नहीं कर सकती है। इसका उपयोग श्रमिकों के हित में ही किया जा सकता है। सरकार ने इसको देखते हुए मजदूरों को चुनाव से पहले 5000 रूपया पोशाक खरीदने के लिए देने का फैसला किया है।
विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती जैसे जैसे करीब आ रही है। बिहार में नीतीश सरकार और केंद्र की मोदी सरकार बिहार के लोगों के लिए अपना पूरा खजाना खोल दिया है। सरकार एक के बाद एक बड़ी सौगात देकर चुनाव मैदान में उतरना चाहती है। ताकि बिहार के लोगों से एक बार सरकार बनाने के लिए वोट मांग सकें। सरकार ने हाल ही में नौकरी, रोजगार और पेंशन को लेकर बड़ा फैसला लिया है। 125 यूनिट बिजली बिल जहां माफ कर दिया वहीं सामाजिक पेंशन की राशि बढ़ा दी। सरकार के इस फैसले की हर ओर चर्चा भी हो रही है।