पटना

बिहार चुनाव 2025: तिरहुत की 40, सीमांचल की 24 और मगध की 26 सीटें तय करेंगी बिहार में किसकी बनेगी सरकार

बिहार में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में तिरहुत, सीमांचल और मगध के 90 सीटें तय करेगी की बिहार में किसकी सरकार बनेगी। तिरहुत के 40 सीटों पर एनडीए का कब्जा है तो मगध के 26 विधानसभा सीटों पर महागठबंधन का 2020 के चुनाव में दबदबा था।

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Nov 09, 2025

बिहार चुनाव 2025: बिहार में दूसरे चरण की 11 नवंबर को वोटिंग होगी। बिहार के 20 जिलों के 122 सीटों पर दूसरे चरण में मतदान होना है। दूसरे चरण में तिरहुत की 40, सीमांचल की 24 और मगध की 26 सीटों का परिणाम तय करेगा कि बिहार में एनडीए और महागठबंधन में से किसकी सरकार बनेगी। दूसरे चरण में 122 सीटों ये 90 सीटें काफी महत्वपूर्ण है। 2020 के विधानसभा चुनाव में तिरहुत में एनडीए का दबदबा था तो मगध में महागठबंधन ने अपना एकक्षत्र राज्य कायम किया था। सीमांचल ने महागठबंधन का खेल बिगाड़ दिया था। सीमांचल की 24 विधानसभा सीटों में से 2020 के विधानसभा चुनाव में मात्र सात सीटों पर महागठबंधन को जीत मिली थी।

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तिरहुत में एनडीए का दबदबा

2020 के चुनाव में तिरहुत की पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर और मधुबनी की 40 सीटों में से 31 पर एनडीए ने जीत अपने नाम किया था। एनडीए को सत्ता तक पहुंचाने में तिरहुत ने महत्वपूर्ण कंधा लगाया था। महागठबंधन को तिरहुत में महज नौ सीटों पर जीत मिली थी। इस क्षेत्र में महागठबंधन को मिली करारी हार की वजह से महागठबंधन सत्ता से दूर हो गया था। एनडीए अगर तिरहुत के गढ़ को बचाये रखते हुए मगध में महागठबंधन के गढ़ को तोड़ने में सफल होता है या फिर महागठबंधन मगध के किले को बचाते हुए तिरहुत में एनडीए के गढ़ में सेंधमारी करने में सफल होता है सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने के कई समीकरण बदल जायेंगे।

सीमांचल में त्रिकोणीय संघर्ष

सीमांचल की 24 सीटें सरकार बनने की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण है। पिछले विधानसभा चुनाव में सीमांचल की 24 सीटों में से बीजेपी ने आठ, जदयू ने चार, कांग्रेस ने पांच, राजद और भाकपा (माले) ने एक-एक, जबकि एआइएमआइएम ने पांच सीटों पर अपनी जीत दर्ज किया था।  इस जीत ने कांग्रेस और आरजेडी दोनों की बेचैनी बढ़ा दी थी। क्योंकि सीमांचल के मुसलमान वोटरों ने आरजेडी और कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था। इसकी वजह से सीमांचल के 24 में से 12 सीटों पर एनडीए को जीत मिली थी। महागठबंधन सीमांचल के अपने कोर वोटरों को गोलबंद करने के लिए प्रयास कर रही है। वहीं एनडीए यहां पर अपनी जमीन को एक बार और मजबूत करने में लगा है। एआइएमआइएम और जनसुराज की उपस्थिति ने चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है।

मगध में महागठबंधन का दबदबा

मगध में गया, औरंगाबाद,नवादा, जहानाबाद और अरवल जिले शामिल हैं। गया जिला की इमामगंज, टिकारी और बाराचट्टी सीट पर जीतन राम मांझी की पार्टी हम का 2020 में कब्जा था। 2025 में तीनों सीटों पर हम पार्टी के प्रत्याशी को कड़ी टक्कर मिल रही है। गया शहर से बीजेपी, बेलागंज से जदयू, वजीरगंज से कांग्रेस, और शेरघाटी में लोजपा-आर मैदान में हैं। इसी प्रकार औरंगाबाद के कुटुंबा से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की प्रतिष्ठा दांव पर है।

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