पटना

Bihar Election: एनडीए में चिराग का बढ़ा कद,मांझी का घटा, जानें गठबंधन में दलितों का सबसे बड़ा चेहर कौन?

Bihar Election विधानसभा चुनाव को लेकर NDA में हुए सीट शेयरिंग में चिराग पासवान सबसे बड़े बार्गेनर उभर कर सामने आए हैं। इससे साफ हो गया है कि बिहार में NDA के दलित चेहरे के रूप में चिराग पासवान ही हैं।

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Oct 13, 2025
चिराग पासवान और जीतन राम मांझी

Bihar Election बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर NDA में सीटों का बंटवारा हो गया। सीट शेयरिंग पर एनडीए घटक दलों का दर्द भी छलका है। सीटों के बंटवारे के बाद दिल्ली से पटना पहुंचे हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा हो सकता है इसका खामियाजा भी एनडीए को भुगतना पड़े। एनडीए में मांझी के हम पार्टी को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 6 सीटें मिली हैं। जबकि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में मांझी की पार्टी को एनडीए में 07 सीटें मिली थी। मांझी की पार्टी 07 में चार सीट पर जीती थी। 2025 के विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी की पार्टी ‘‘कम से कम 15 सीट'' की मांग कर रही थी ।

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चिराग को 29 तो मांझी को महज 6 सीटें

बिहार चुनाव में एनडीए की ओर से सबसे ज्यादा महत्व चिराग को दिया गया। वर्ष 2020 में 135 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़कर मात्र एक सीट जीतने वाले चिराग पासवान की पार्टी को एनडीए में 29 सीटें मिली है। जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में मात्र 07 सीटों पर चुनाव लड़कर 04 पर चुनाव जीतने वाले जीतन राम मांझी के एक सीटें कम कर दिया गया। इस दफा उन्हें मात्र 06 सीटें दिया गया है।

NDA में दलित नेता कौन?

सीट शेयरिंग के साथ इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि एनडीए में दलित का नेता कौन? जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को एनडीए में मात्र 06 सीटें मिली है। जबकि 2020 में सात सीटें मिली थी और 2015 में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को एनडीए की ओर से 21 सीटें दी गई थी। जीतन राम मांझी इस दफा ‘‘कम से कम 15 सीट'' की मांग कर रहे थे। जबकि चिराग पासवान की पार्टी लोजपा को 2015 में 42 सीटें मिली थी। वर्ष 2020 में पार्टी में दरार पड़ने पर लोजपा (आर) एनडीए गठबंधन से अलग 135 सीटों पर चुनाव लड़ी। 135 सीटों पर चुनाव लड़कर चिराग पासवान की पार्टी मात्र एक सीट जीती थी। जबकि 2020 में ही जीतन राम मांझी की पार्टी सात सीटों पर चुनाव लड़कर चार सीटें मिली थी। इसके लेकर ही इस दफा जीतन राम मांझी 15 सीटों की मांग कर रहे थे। लेकिन नहीं मिलने पर कहा, "आलाकमान ने जो निर्णय किया है, वो निर्णय शिरोधार्य है। लेकिन 6 सीट देकर हमारे महत्‍व को कम आंका गया है। जिसका हो सकता है कि हमारे एनडीए को खामियाजा भुगतना पड़े"

बिहार में अब कोई बड़ा भाई नहीं

अभी तक एनडीए में बड़े भाई क भूमिका में रहने वाले जदयू के सीटों को भी काट दिया गया। 2025 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और जदयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जबकि जदयू अभी तक बीजेपी से ज्यदा सीटों पर चुनाव लड़ते रही है। वहीं उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को भी एनडीए में 6 सीटें दी गई हैं। हालांकि सीट बंटवारे के बाद मांझी नाराज हो गए हैं।

एनडीए में शीट शेयरिंग

बिहार विधानसभा चुनाव2025
BJP101
JDU101
LJP(R)29
HAM06
RLM06

JDU की 15 साल में 29% सीटें घटी

जदयू के 2003 में पार्टी बनी। इसके बाद जदयू सबसे पहले चुनाव 2005 में बिहार का विधानसभा चुनाव लड़ीं थी। 2005 से 2025 के सीट शेयरिंग की तुलना करें तो 2005 के बाद जदयू की सीटें 27 फीसदी घट गई हैं। 2005 में पार्टी 138 सीटें पर चुनाव लड़ी थी। अब 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। JDU सबसे ज्यादा 2010 में 141 सीटों पर चुनाव लड़ी। 2025 के सीट शेयरिंग के तहत 15 साल में पार्टी की 40 सीटें कम हो गईं। यानी 15 साल में JDU की करीब 29% सीटें घट गईं।

कब कितनी सीटों पर लड़ी एनडीए

2005201020152020
ज‍दयू-138ज‍दयू-141बीजेपी-157जदूय-115
बीजेपी-101बीजेपी-102एलजेपी-42बीजेपी-110
---------आरएलएसपी-23हम-7
--------हम-21वीआईपी-13

NDA में चिराग सबसे बड़े बार्गेनर साबित हुए

एनडीए में हुए सीट शेयरिंग में सबसे बड़े बार्गेनर चिराग पासवान रहे। 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान NDA के हिस्सा नहीं थे। लेकिन चिराग पासवान 135 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतार दिए थे। 135 में से वे मात्र एक सीट पर चुनाव जीते थे। लेकिन, चिराग पासवान के करण नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को 30 से ज्यादा सीटों का नुकसान हुआ था। इसके बावजूद चिराग पासवान का कद एनडीए में 2024 के लोकसभा चुनाव में 05 सीटों पर चुनाव लड़कर 05 सीट जीतने के बाद से बढ़ने लगा। 2011 की जनगणना के आधार पर देखें तो बिहार में दलितों की आबादी लगभग 19 फीसदी है। हर चुनाव में चिराग पासवान को औसतन 6 फीसदी वोट मिलता रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव से चिराग पासवान की जीत का स्ट्राइक रेट 100 फीसदी रहा है।

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