Bihar Election Result: बिहार चुनाव परिणामों में सबसे तेज रिज़ल्ट बरबीघा विधानसभा से आने की संभावना है, जहां केवल 20 राउंड में मतगणना पूरी हो जाएगी। इसके विपरीत, पटना की दीघा सीट पर सबसे अधिक यानी 35 राउंड में गिनती होगी, क्योंकि इस सीट पर मतदाताओं की संख्या 5 लाख से अधिक है।
Bihar Election Result:बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना के लिए प्रशासनिक तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। वोटों की गिनती शुरू हो गई है, जिसके लिए मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा के कड़ी प्रबंध किए गए हैं। इस बार चुनाव आयोग की व्यवस्था के अनुसार, हर सीट पर राउंड की संख्या अलग-अलग है, जिससे यह साफ है कि कुछ सीटों के नतीजे बहुत जल्दी आ जाएंगे, जबकि कुछ हाई-प्रोफाइल सीटों पर देर शाम तक इंतजार करना पड़ सकता है। यह माना जा रहा है कि सबसे पहला परिणाम बरबीघा विधानसभा सीट से और सबसे आखिरी नतीजा दीघा सीट से आ सकता है।
शेखपुरा जिले की बरबीघा विधानसभा सीट इस बार सबसे कम राउंड वाली सीट है। यहाँ कुल 20 राउंड की गिनती होगी। इस क्षेत्र में मतदान केंद्रों की संख्या कम होने की वजह से राउंड भी कम तय किए गए हैं। माना जा रहा है कि बरबीघा से सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच पहला परिणाम आ सकता है।
पटना शहर की सबसे बड़ी शहरी सीटों में से एक दीघा इस बार सभी 243 सीटों में सबसे अधिक राउंड वाली विधानसभा है। यहां 35 राउंड में वोटों की गिनती होगी। 5 लाख से अधिक मतदाताओं वाली इस सीट पर मतदान केंद्रों की संख्या बहुत ज्यादा है, इसलिए देर शाम तक परिणाम आने की संभावना है।
मतगणना प्रक्रिया इस बार भी पिछले चुनावों की तरह व्यवस्थित और पारदर्शी होगी। सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट (ETPB) और पोस्टल बैलेट की गिनती की जाएगी, जो रिटर्निंग ऑफिसर (RO) की निगरानी में अलग टेबलों पर अधिकारी द्वारा सम्पन्न होगी।
पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होने के आधे घंटे बाद ईवीएम की गिनती शुरू होती है, जिसमें केवल कंट्रोल यूनिट का इस्तेमाल होगा, जबकि बैलेट यूनिट को गिनती टेबल पर नहीं रखा जाएगा। एक राउंड में 14 ईवीएम मशीनों की गिनती पूरी होनी होती है, और हर राउंड के बाद संबंधित रुझान सार्वजनिक किए जाते हैं। गिनती पूरी होने पर RO द्वारा आधिकारिक परिणाम घोषित किया जाता है और विजेता को प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है।
इस बार मतगणना के लिए बिहार के 38 में जिलों में कुल 46 केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 4,372 मतगणना टेबलों पर लगभग 18,000 से अधिक एजेंट गिनती की निगरानी करेंगे।
राउंड की संख्या दो बातों से तय होती है। पहला मतदान केंद्रों की संख्या और दूसरा मतदाताओं की कुल संख्या। जिस सीट पर अधिक मतदान केंद्र होते हैं, वहाँ राउंड भी ज्यादा तय होते हैं।