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Bihar Election 2025: 2000 वोटों से भी कम अंतर वाली सीटें, जिनसे तय हो सकता है 2025 का नतीजा

Bihar Election 2025:  इस बार, कई कांटे की टक्कर वाली सीटें चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाएँगी। 2020 के चुनाव में, कई सीटें कुछ सौ या हज़ार वोटों के अंतर से ही जीती गई थीं। इसलिए, ये सीटें इस बार पूरी तरह से राजनीतिक रणभूमि बन सकती हैं।

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Oct 13, 2025
Bihar Election 2025

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नज़दीक आते ही राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी महागठबंधन (RJD‑Congress‑CPI) दोनों ही अपने-अपने समीकरण को मजबूत करने में जुटे हैं। लेकिन इस बार चुनाव में कुछ करीबी सीटें बेहद अहम साबित हो सकती हैं। ये वे विधानसभा क्षेत्र हैं जहां पिछली बार केवल कुछ सौ या हजार वोटों का अंतर रहा था। इन सीटों पर इस बार का चुनाव नतीजे पलट सकता है और पूरे राज्य की राजनीति पर असर डाल सकता है।

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2020 में राजद ने जीती थी सबसे ज्यादा सीटें

2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को कुल 125 और महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं। राजद 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी जबकि भाजपा ने 74 सीटें जीती थीं। लेकिन ये आंकड़े केवल कुल योग थे। असली रोमांच वहीं था जहां वोटों का अंतर बेहद कम था। इस चुनाव में करीब 52 ऐसी सीटें थी जहां वोटों का अंतर 5000 से भी कम था, जिसमें से 13 सीटों पर अंतर 2000 से कम रहा था।

उदाहरण के लिए हिलसा विधानसभा सीट पर जेडीयू उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार यादव ने सिर्फ 12 वोटों से जीत दर्ज की थी। वहीं बरबिघा में जेडीयू ने 113 वोटों से, रामगढ़ में राजद ने 189 वोटों से विजय प्राप्त की। इसके अलावा भोर (462 वोट), डेहरी (464 वोट), बछवारा (484 वोट), चकाई (581 वोट), कुर्हानी (712 वोट), बखरी (777 वोट), परबत्ता (951 वोट), कोसीकन्द (1500 वोट), पटना साहिब (1800 वोट) और गोपालगंज (1900 वोट) जैसी सीटें भी बेहद करीबी रहीं। इन सीटों पर मामूली बदलाव भी चुनाव के परिणाम को पूरी तरह पलट सकते हैं। यही कारण है कि इस बार राजनीतिक दल इन क्षेत्रों पर पूरी ताकत लगा रहे हैं।

एनडीए और महागठबंधन की रणनीति

एनडीए ने 2025 के चुनाव के लिए सख्त और संगठित रणनीति अपनाई है। सीट बंटवारे में JDU और BJP को बराबर-बराबर 101 सीटें मिली हैं। इसके अलावा चिराग पासवान की LJP (रामविलास) को 29, उपेंद्र कुशवाहा की RLM को 6 और जीतन राम मांझी की HAM को भी 6 सीटें दी गई हैं। वहीं महागठबंधन में अभी भी सीटों का बंटवारा फाइनल होना बचा हुआ है। बताया जा रहा है कि आज शाम तक सहित शेयरिंग फाइनल हो जाएगी।

एनडीए ने विशेष रूप से उन करीबी सीटों पर , जहां जीत का अंतर काफी कम था वहां अपने सबसे मजबूत उम्मीदवारों को उतारने की योजना बनाई है। BJP ने अपने संगठनात्मक और केंद्रीय नेतृत्व का फायदा उठाकर क्षेत्रीय प्रभाव को बढ़ाया है। वहीं JDU, जो कभी गठबंधन में “बड़े भाई” के रूप में काम करती थी, अब बराबरी की साझेदारी में शामिल है।

महागठबंधन भी पीछे नहीं है। भले ही अभी सीटों का बंटवारा फाइनल नही हुआ है लेकिन राजद ने 2020 के आंकड़ों का विश्लेषण कर ताकतवर उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार की है। कांग्रेस और वाम दलों ने भी अपने उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार कर ली है और जल्द ही उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी कर दिया जाएगा। उनका लक्ष्य वही सीटें हैं जहां पिछली बार अंतर बहुत कम था।

2020 में इन सीटों पर 2000 से कम रहा जीत का अंतर

सीटविजेतापार्टीवोट अंतर
हिलसा (Hilsa)सुरेंद्र कुमार यादवJD(U)12
बर्बिघा (Barbigha)राहुल यादवJD(U)113
रामगढ़ (Ramgarh)दिलीप नारायण यादवRJD189
भोर (Bhorey)मथुरा प्रसादJD(U)462
देहरी (Dehri)संजय यादवRJD464
बछवारा (Bachhwara)श्याम रंजनBJP484
चकाई (Chakai)सुमित कुमार सिंहनिर्दलीय581
कुरहानी (Kurhani)रजनीश कुमारRJD712
बकरी (Bakhri)राम उखा पटेलCPI777
परबत्ता (Parbatta)राजेंद्र प्रसादJD(U)951
कोसीकन्द (Kosi Khand)जीतू कुमारRJD1500
पटना साहिब (Patna Sahib)नंद किशोर यादवBJP1800
गोपालगंज (Gopalganj)रमेश सिंहRJD1900

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