Bihar Flood बिहार में बाढ़ के कारण एक बड़ी आबादी राहत शिविर में रहने को मजबूर हैं। इधर, मुंगेर पुलिस उनके समानों की सुरक्षा में नावों से पेट्रोलिंग कर रही है। सीएम नीतीश कुमार गुरूवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश भी दिए
Bihar Flood बिहार में बाढ़ वजह से लाखों लोग अपने घर छोड़ कर ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं। आपदा विभाग और स्थानीय जिला प्रशासन की ओर से पीड़ित लोगों को राहत मुहैया कराया जा रहा है। वहीं मुंगेर पुलिस बाढ़ पीड़ितों और उनके सामान की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मुंगेर पुलिस 5 नाव की मदद से पेट्रोलिंग कर बाढ़ पीड़ितों की सुरक्षा कर रही है। इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने भी गुरुवार सुबह हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया।
इधर, बिहार के भागलपुर में बाढ़ ने निचले इलाकों में तबाही मचा रखा है। घरों में कमर से ऊपर पानी रहने के कारण लोग घरों के छतों पर पन्नी और त्रिपाल के सहारे जीवन जीने को मजबूर है। इसी में ये लोग उसी के अंदर अपने मवेशी को भी रख रहे हैं। भीषण बाढ़ के कारण लोग छाती भर पानी में पैदल आने-जाने को मजबूर हैं। बाढ़ के चलते लोगों का जन जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। खाने-पीने, रहने, सोने और शौचालय, की बड़ी समस्या है। बाढ़ के कारण ये लोग मवेशी के साथ रहने को मजबूर है। कई बार मवेशी खाने को जूठा कर दे रहे हैं। मवेशी का जूठा खाना खाने को मजबूर हो गए हैं।
मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण के क्रम में वैशाली जिले के राघोपुर दियारा, पटना जिले के काला दियारा, रूपस महाजी, रामनगर, कसहा दियारा तथा मोकामा, बाढ़ एवं फतुहा के टाल क्षेत्र का निरीक्षण किया। साथ ही बेगूसराय और मुंगेर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भी हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण के क्रम में अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि जल संसाधन विभाग पूरी तरह मुस्तैद रहे और लगातार मॉनिटरिंग करते रहे।
निचले इलाकों में जहाँ पानी बढ़ रहा है, इसकी सतत् निगरानी करते रहें। जिलाधिकारी परिस्थितियों पर पूरी नजर रखें। उन्होंने कहा कि अभियंतागण पूरी तरह अलर्ट रहें और वरीय पदाधिकारी स्थल पर कैंप करते रहें। आपदा प्रबंधन विभाग सतत् अनुश्रवण करते रहे ताकि बाढ़ प्रभावित लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो। बाढ़ की स्थिति में प्रभावितों को एस०ओ०पी० के अनुसार पूरी सहायता उपलब्ध कराते रहें। राहत और बचाव कार्य पूरी मुस्तैदी और संवेदनशीलता के साथ करें।