Bihar Politics: स्थापना दिवस पर पशुपति कुमार पारस भावुक हो गए और कहा कि जब पार्टी बनी थी, हम तीन भाई थे, आज मैं अकेला हूँ। इस दौरान उन्होंने चुनाव परिणाम और जनता के मुद्दों पर संघर्ष जारी रखने का संदेश दिया।
Bihar Politics: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस खुद को रोक नहीं पाए और उनकी आवाज़ भर्रा गई। इस अवसर पर पटना में मीडिया से बात करते हुए पारस ने कहा, “जब पार्टी बनी थी, हम तीन भाई थे… आज मेरा दुर्भाग्य है कि मैं अकेला हूँ।” यह कहते हुए पशुपति पारस कुछ क्षणों के लिए रुक गए, उनकी आंखें नम हो गईं और आस-पास बैठे लोग भावुक हो उठे।
अपनी बात जारी रखते हुए चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस ने कहा, “28 नवंबर 2000 को इसी दिन लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना हुई थी। उस वक्त मेरे बड़े भाई रामविलास पासवान और छोटे भाई रामचंद्र पासवान मेरे साथ थे। आज दोनों नहीं हैं। पार्टी ने 25 वर्षों में संघर्ष भी देखा है और सम्मान भी।” उन्होंने कहा कि पार्टी का जन्म दलित, वंचित और शोषित समाज की आवाज़ उठाने के लिए हुआ था और लड़ाई आज भी जारी है।
ताजा विधानसभा चुनाव में पार्टी के कमजोर प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कहा, “जनता का जनादेश हमें स्वीकार है, पर जिस तरह चुनाव प्रक्रिया हुई, वह सवाल खड़े करती है। 6 तारीख को मतदान था और 4 तारीख तक महिलाओं को 10-10 हजार रुपये बांटे गए। इसे क्या कहा जाए? चुनाव आयोग को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए।” उन्होंने जोड़ा कि कई सीटों पर वोट का अंतर संदिग्ध है, जिसके आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
पारस ने कहा, “राजनीति में हार-जीत आती रहती है। 2009 में भी हमारा सबसे बुरा समय था। हम तीनों भाई लोकसभा और विधानसभा सब हार गए थे। लेकिन हमने हार नहीं मानी। फिर उठे और आगे बढ़े।” उन्होंने घोषणा की कि पार्टी फिर से जमीनी लड़ाई लड़ेगी और गांव-गांव जाकर संगठन मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज पासवान हैं, उनके साथ यशराज पासवान हैं. दोनों भाइयों के नेतृत्व में भविष्य में पार्टी का कार्यक्रम होगा. हम दोनों युवा भाइयों के हाथ में पार्टी की कमान देंगे. दोनों भाइयों के नेतृत्व में पूरे बिहार में संगठन को मजबूत किया जाएगा.
पारस ने कहा, “आज सिर्फ हमारी हालत खराब नहीं है। महागठबंधन का हाल तो हमसे भी बुरा है। जनता सब देख रही है, इसलिए निराश होने की कोई जरूरत नहीं।” उन्होंने यह भी कहा कि जनता के मुद्दे उठाने और संघर्ष करने से पार्टी फिर से अपनी पहचान मजबूत करेगी।