Bihar Politics: RJD से निष्कासन के बाद रितु जायसवाल ने नई राजनीतिक पार्टी बनाने का संकेत दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया X पर इसे लेकर एक पोस्ट किया है।
Bihar Politics:बिहार की राजनीति में एक और नए राजनीतिक प्रयोग की आहट सुनाई देने लगी है। राष्ट्रीय जनता दल से निष्कासित नेता रितु जायसवाल ने साफ कर दिया है कि वे आने वाले महीनों में नई राजनीतिक पार्टी बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही हैं। उन्होंने यह संकेत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के जरिए दिया, जिसमें उन्होंने महिलाओं और युवाओं को केंद्र में रखकर नई राजनीति की बात कही।
रितु जायसवाल ने अपने पोस्ट में लिखा कि वे बिहार के युवाओं, खासकर महिलाओं से सीधा संवाद करेंगी और उसी संवाद के निष्कर्ष के आधार पर एक नई पार्टी के गठन पर निर्णय लेंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी प्रस्तावित पार्टी में महिलाओं को सम्मानजनक प्रतिनिधित्व मिलेगा, युवाओं को नेतृत्व में आगे बढ़ने का मौका दिया जाएगा और टिकटों की खरीद-फरोख्त जैसी परंपराओं के लिए कोई जगह नहीं होगी। रितु जायसवाल ने बिना किसी पार्टी का नाम लिए मौजूदा राजनीतिक संस्कृति पर कड़ा सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी बनती है, तो उसमें परिवारवाद के लिए कोई स्थान नहीं होगा।
रितु जायसवाल को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में परिहार सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने के बाद राष्ट्रीय जनता दल ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था। यह फैसला पार्टी अनुशासन के उल्लंघन के आधार पर लिया गया। इससे पहले वे लगातार पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ती रही थीं। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी वे राजद के टिकट पर परिहार से उतरी थीं, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में शिवहर सीट से भी उन्होंने राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वहां भी उन्हें सफलता नहीं मिली। 2025 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जब निर्दलीय मैदान में उतरने का फैसला किया, तब यह स्पष्ट हो गया था कि पार्टी और उनके रिश्ते तनावपूर्ण हो चुके हैं।
हाल के विधानसभा चुनाव में परिहार सीट से बीजेपी की गायत्री देवी ने जीत दर्ज की, लेकिन रितु जायसवाल ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 65 हजार से अधिक वोट हासिल कर पार्टी उम्मीदवार को पीछे छोड़ दिया। इसी परिणाम के बाद अब वे अपने राजनीतिक भविष्य को एक नई पार्टी के जरिए गढ़ने की तैयारी में जुट गई हैं।
रितु जायसवाल का यह कदम उस राजनीतिक घटनाक्रम से जोड़कर भी देखा जा रहा है, जिसमें इससे पहले तेज प्रताप यादव ने भी राजद से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई थी। हालांकि उनकी पार्टी को चुनाव में खास सफलता नहीं मिल सकी, लेकिन रितु जायसवाल इस अनुभव से सीख लेकर अपनी रणनीति तय करने की कोशिश में दिख रही हैं।
रितु जायसवाल ने अपने पूरे संदेश का फोकस महिलाओं और युवाओं पर रखा है। उन्होंने कहा कि बिहार की राजनीति में महिलाओं को आज भी सीमित दायरे में रखा जाता है और युवाओं को केवल चुनावी भीड़ तक सीमित कर दिया जाता है। उनकी प्रस्तावित पार्टी इन दोनों वर्गों को निर्णायक भूमिका में लाने का काम करेगी।