पटना

Hijab Controversy: चेहरा दिखाए बिना न नौकरी, न परीक्षा, न वोटिंग की मिले अनुमति… हिजाब विवाद पर BJP नेता की बड़ी मांग

Hijab Controversy: बिहार बीजेपी OBC मोर्चा के निखिल आनंद ने हिजाब विवाद के बाद एग्जाम, जॉब इंटरव्यू और वोटिंग के दौरान अनिवार्य फेस वेरिफिकेशन और वीडियोग्राफी की मांग की है। उन्होंने लोगों से यह भी अपील की कि वे पाकिस्तान से नीतीश कुमार को मिल रही धमकियों के खिलाफ एकजुट हों।

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Dec 19, 2025
हिजाब विवाद पर बीजेपी नेता का बड़ा बयान (फोटो-पत्रिका)

Hijab Controversy: बिहार के सीएम नीतीश कुमार द्वारा महिला का हिजाब हटाए जाने बाद से शुरू हुआ सियासी घमासान अब भी जारी है। पक्ष-विपक्ष के नेता लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। इसी बीच अब बिहार बीजेपी के एक नेता ने केंद्र और राज्य सरकार से बड़े बदलाव की मांग कर दी है। बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने स्पष्ट कहा है कि चेहरा देखे बिना किसी भी व्यक्ति को परीक्षा, नौकरी, पढ़ाई या मतदान की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने इस संबंध में शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर अपनी मांग सार्वजनिक की।

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नौकरी, परीक्षा और पढ़ाई में फेस वेरिफिकेशन अनिवार्य करने की मांग

निखिल आनंद ने अपनी पोस्ट में लिखा कि भारत सरकार और बिहार सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बिना चेहरा देखे किसी भी स्त्री या पुरुष को परीक्षा देने, नियुक्ति पत्र लेने या किसी संस्थान में पढ़ाई अथवा नौकरी करने की अनुमति न दी जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि परीक्षा केंद्रों पर चेहरे की वीडियोग्राफी के बाद ही प्रवेश मिले और नियुक्ति पत्र वितरण के समय भी अभ्यर्थी के चेहरे की वीडियोग्राफी अनिवार्य की जाए।

वोटिंग पर भी सख्ती की अपील

निखिल आनंद ने केवल शिक्षा और रोजगार तक ही अपनी बात सीमित नहीं रखी, बल्कि मतदान प्रक्रिया पर भी सख्त रुख अपनाया। उन्होंने भारत के चुनाव आयोग से अपील की कि बिना चेहरा देखे किसी भी स्त्री या पुरुष को वोट देने की अनुमति न दी जाए। साथ ही भविष्य के सभी चुनावों में सभी मतदान केंद्रों पर 100 प्रतिशत वीडियोग्राफी और वेबकास्टिंग सुनिश्चित की जाए।

पाकिस्तान से धमकी और तीखा बयान

हिजाब विवाद के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पाकिस्तान से मिली कथित धमकी के संदर्भ में भी निखिल आनंद ने कड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार को धमकी देने वाले पाकिस्तानपरस्त, छद्म धर्मनिरपेक्ष और शरिया समर्थक यह समझ लें कि ओबीसी-ईबीसी समाज चुप बैठने वाला नहीं है।

निखिल आनंद ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार के जन-जन के नेता हैं और दलित, महादलित, पिछड़ा व अति पिछड़ा समाज के गौरव हैं। भारत को पाकिस्तान या बांग्लादेश बनाने की कोशिशों के खिलाफ देश को एकजुट होने का समय आ गया है।

क्या है पूरा हिजाब विवाद?

पूरा विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 1283 आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र सौंप रहे थे। इसी दौरान नुसरत नाम की एक महिला डॉक्टर मंच पर नियुक्ति पत्र लेने पहुंचीं। बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने उनके हिजाब की ओर इशारा करते हुए सवाल किया और फिर कथित तौर पर खुद अपने हाथ से हिजाब हटा दिया। इस घटना के कुछ ही पलों में महिला डॉक्टर असहज नजर आईं और मंच पर मौजूद लोगों की प्रतिक्रिया कैमरे में कैद हो गई। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही मामला राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया।

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