अदाणी पावर 24,000 करोड़ रुपये के निवेश से भागलपुर में 2400 मेगावाट का सुपर पावर प्लांट लगाएगा। इससे 12,000 से ज़्यादा लोगों को रोज़गार मिलेगा और राज्य का आर्थिक विकास होगा।
बिहार में बिजली संकट को लेकर उठती आवाज़ों के बीच अब राहत की किरण दिखाई दे रही है। भागलपुर जिले के पीरपैंती में अदाणी पावर लिमिटेड और बिहार राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के बीच एक ऐतिहासिक करार पर हस्ताक्षर हो गए हैं। इस समझौते के तहत अगले 25 वर्षों तक राज्य को 2400 मेगावाट बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। यह परियोजना न सिर्फ बिजली संकट को दूर करेगी, बल्कि बिहार की ऊर्जा व्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव लेकर आएगी।
करीब 3 अरब डॉलर यानी लगभग 24,000 करोड़ रुपये का निवेश इस परियोजना में होगा। प्लांट में तीन यूनिटें लगाई जाएंगी, प्रत्येक की क्षमता 800 मेगावाट होगी। अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीक का उपयोग कर यह संयंत्र उच्च दक्षता और पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा। परियोजना को डिज़ाइन, निर्माण, वित्तीय सहयोग, स्वामित्व और संचालन मॉडल (DBFOO) के तहत विकसित किया जाएगा। अदाणी पावर ने बिजली की आपूर्ति के लिए ₹6.075 प्रति यूनिट की सबसे कम दर पर अनुबंध हासिल किया है, जो राज्य के लिए बेहद लाभकारी साबित होगा।
इस प्लांट से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार का नया रास्ता खुलेगा। निर्माण चरण में 10,000 से 12,000 लोगों को काम मिलेगा, जबकि संयंत्र चालू होने के बाद करीब 3,000 स्थायी नौकरियाँ पैदा होंगी। यह परियोजना न केवल ऊर्जा क्षेत्र में सुधार लाएगी, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा प्रदान करेगी।
कोयला आपूर्ति के लिए भारत सरकार की SHAKTI नीति के तहत कोल लिंकज सुनिश्चित किया गया है, जिससे परियोजना की ऊर्जा आपूर्ति दीर्घकालिक और स्थिर बनी रहेगी। अदाणी पावर का लक्ष्य है कि अगले 5 वर्षों में यह परियोजना पूरी तरह चालू हो जाए और बिहार को बिजली संकट से राहत मिल सके।
इस प्लांट के चालू होने के बाद राज्य को स्थिर बिजली उपलब्ध होगी, जिससे उद्योगों, कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार संभव होगा। ऊर्जा क्षेत्र में यह कदम बिहार को आर्थिक विकास और निवेश के लिए आकर्षक बना देगा। आने वाले वर्षों में यह प्लांट न केवल बिजली उत्पादन का केंद्र बनेगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार और विकास का नया रास्ता भी खोलेगा।