झारखंड सरकार के मंत्री इरफान अंसारी ने फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिखी है। इस पोस्ट में उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सीखने की सलाह दी है।
बिहार-झारखंड की सियासत में एक बार फिर बयानबाजी तेज हो गई है। झारखंड सरकार के मंत्री इरफान अंसारी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर तीखा लेकिन संयमित संदेश दिया है। इरफान अंसारी ने फेसबुक पर एक पोस्ट कर नीतीश कुमार से न सिर्फ आत्ममंथन की अपील की, बल्कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व और व्यवहार से कुछ सीखने का सुझाव भी दिया है। इस पोस्ट के बाद दोनों राज्यों की राजनीति में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
अपने फेसबुक पोस्ट में इरफान अंसारी ने साफ किया कि उनका मकसद किसी तरह का व्यक्तिगत आक्षेप नहीं है, बल्कि उनका मकसद एक संवेदनशील विषयक पर ध्यान आकर्षित कराना है। उन्होंने लिखा कि वे विनम्रता और पीड़ा के साथ यह बात कह रहे हैं, ताकि लोकतंत्र, संविधान और मानवीय मूल्यों की गरिमा बनी रहे। उन्होंने लिखा कि सत्ता में बैठे लोगों का व्यवहार सिर्फ उनका निजी मामला नहीं होता, बल्कि वह पूरे समाज और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर असर डालता है।
इरफान अंसारी ने झारखंड की संस्कृति और पहचान का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के स्वभाव की खुलकर सराहना की। उन्होंने लिखा कि झारखंड की संस्कृति, संस्कार और पहचान सदा से मानवता, समानता और आपसी सम्मान की प्रतीक रही है। खनिज संपदा से समृद्ध झारखंड के मुख्यमंत्री का आचरण, सरलता और आम जनता से जुड़ने का तरीका यह सिखाता है कि पद चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, इंसानियत उससे ऊपर होती है। अंसारी के मुताबिक, हेमंत सोरेन के व्यवहार में न अहंकार है, न सत्ता का दंभ बल्कि ऐसा अपनापन है कि लोग खुद ही सम्मान और विश्वास के साथ उनसे जुड़ जाते हैं।
अपने पत्र में झारखंड के मंत्री ने आगे लिखा कि सत्ता स्थायी नहीं होती, लेकिन सत्ता में रहते हुए किया गया व्यवहार और फैसले ही किसी नेता को इतिहास में महान या विवादित बनाते हैं। अंसारी ने कहा कि जनता ने कभी भी घमंड, भेदभाव और किसी वर्ग को नीचा दिखाने वाली मानसिकता को स्वीकार नहीं किया है।
पोस्ट में इरफान अंसारी ने सीएम नीतीश कुमार द्वारा महिला डॉक्टर जा हिजाब हटाए जाने कि घटना का भी जिक्र किया। अंसारी ने लिखा कि हाल ही में एक अल्पसंख्यक बच्ची के साथ जिस प्रकार की घटना सामने आई, उसने न केवल मुझे बल्कि पूरे देश को गहरा दुःख और पीड़ा दी है। एक संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति से ऐसी असंवेदनशीलता की अपेक्षा नहीं की जाती।
झारखंड के मंत्री ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद की शपथ भी याद दिलाई। उन्होंने लिखा कि शपथ लेते समय यह वचन दिया जाता है कि संविधान में आस्था रखी जाएगी, सभी धर्मों का समान सम्मान होगा और किसी को अपमानित नहीं किया जाएगा। अंसारी के मुताबिक, यही शपथ लोकतंत्र में जनता का भरोसा कायम रखती है और सत्ता में बैठे लोगों को संवेदनशील रहने की जिम्मेदारी सौंपती है।
अपने पत्र के अंत में इरफान अंसारी ने नीतीश कुमार से आग्रह करते हुए लिखा, "मेरा आपसे विनम्र आग्रह है कि सत्ता में रहते हुए व्यवहार में समानता, संवेदनशीलता और करुणा को सर्वोपरि रखें। भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसका अवश्य ख्याल रखें, यही देशहित और समाजहित में होगा। साथ ही, मेरा सुझाव है कि आप हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से एक बार अवश्य मिलें और उनके नेतृत्व, व्यवहार और मानवीय दृष्टिकोण से कुछ सीखें, यह लोकतंत्र को और मजबूत करेगा।"