बिहार में सरकार गठन की हलचल तेज हो गई है। इसके तहत बार-बार मुख्यमंत्री निवास पर नेताओं के आने जाने का दौर जारी है। चुनाव आयोग ने भी चुनाव परिणामों की अंतिम लिस्ट राज्यपाल को सौंप दी है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के तुरंत बाद राज्य की राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। रविवार की देर शाम जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह दिल्ली से लौटने के बाद सीधे सीएम आवास पहुंचे। वहीं दूसरी तरफ चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्वाचन आयोग की टीम भी राजभवन पहुंची और राज्यपाल को विधायकों की लिस्ट सौंपी। इन दोनों घटनाओं का मतलब यही है कि राज्य में नई सरकार के गठन और आने वाले बदलावों की प्रक्रिया अब गति पकड़ चुकी है।
राज्य में नई सरकार के गठन की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो गई। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजीयाल के नेतृत्व में इलेक्शन कमीशन (EC) की एक टीम राजभवन पहुंची और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को सभी 243 निर्वाचित विधायकों की आधिकारिक लिस्ट सौंप दी। राज्यपाल को लिस्ट सौंपे जाने के साथ ही बिहार में आदर्श आचार संहिता आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गई है। इसके अलावा, 18वीं विधानसभा के गठन की अधिसूचना भी जल्द ही जारी होने की संभावना है।
पटना के मुख्यमंत्री आवास (एक अणे मार्ग) पर राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई। जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, जो शनिवार रात दिल्ली में थे और गृह मंत्री अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े से मुलाकात की थी, वापस लौटते ही सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे। सूत्रों के अनुसार, इन दोनों नेताओं ने नीतीश कुमार को दिल्ली में भाजपा नेतृत्व के साथ बनी नई सरकार के गठन के फार्मूले और मंत्रिमंडल के बंटवारे को लेकर हुई अंतिम चर्चा की जानकारी दी।
दोनों के सीएम आवास पहुंचते ही राजनीतिक वाद-विवाद का पारा बढ़ गया। आवास के सामने बड़े संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों का जमावड़ा भी देखा गया। इससे पहले रविवार की सुबह नित्यानंद राय, विजय सिन्हा, चिराग पासवान और विजेंद्र यादव समेत कई और नेता भी सीएम आवास पहुंचे थे।