Mahila Rojgar Yojana आरजेडी ने सोशल मीडिया पर लेटर शेयर कर चुटकी लेते हुए कहा कि एनडीए के नेता और अफसरों ने हड़बड़ी में मुख्यमंत्री महिला रोजगार की राशि पुरुषों के खाते में ट्रांसफर कर दी।
Mahila Rojgar Yojana: महिला रोजगार योजना के तहत मिलने वाले 10,000 रुपये महिलाओं के बजाय कुछ पुरुषों के खाते में ट्रांसफ़र हो गए। इस मामले पर आरजेडी ने चुटकी लेते हुए लिखा है कि सत्ता पाने की हड़बड़ी में नेता‑अफ़सरों ने बड़ी गड़बड़ी कर दी। अब उन पुरुषों से पैसा वापस माँगा जा रहा है और उनके इंकार करने पर उन्हें 10,000 रुपये लौटाने के लिए पत्र लिखे जा रहे हैं।
शनिवार को आरजेडी ने अपने आधिकारिक सोशल‑मीडिया अकाउंट पर इस मामले को लेकर एक पोस्ट शेयर किया। पार्टी ने दो जीविका प्रखंड परियोजना प्रबंधकों द्वारा लिखे गए पत्रों की तस्वीरों को भी शेयर किया है। पत्रों में लिखा गया है कि गलती से महिलाओं के खाते में जमा होने वाली राशि आपके खाते में चले गए हैं। पुरुषों से आग्रह किया गया है कि खाते में ट्रांसफ़र पैसे को वापस कर दें। ये दोनों पत्र दरभंगा जिले के दो व्यक्तियों को भेजे गए हैं। पत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का लाभ केवल जीविका से जुड़ी महिलाओं को ही मिलना चाहिए; तकनीकी त्रुटि के कारण योजना की राशि गलती से आपके खाते में चली गई है।
आरजेडी ने अपने इस पोस्ट में लिखा कि बिहार में भुखमरी, महंगाई, पलायन और बेरोज़गारी इतनी अधिक है कि जब सरकार ने लोगों के खाते में रुपये डालें होंगे, तभी वे खर्च हो गए होंगे। अब वे पैसा कहाँ से वापस करेंगे? पार्टी ने बिहार चुनाव की चर्चा करते हुए आरोप लगाया: “ईवीएम में धांधली, वोट खरीद‑फरोख्त, वोट चोरी और मशीनरी से बनाई गई सरकारों को कितने दिन छुपाओगे? सच तो एक दिन बाहर निकलेगा।”
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश सरकार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत जीविका समूह से जुड़ी प्रत्येक महिला के खाते में 10‑10 हजार रुपये भेजे गए थे। अब तक लगभग डेढ़ करोड़ महिलाओं के खाते में यह राशि ट्रांसफ़र की जा चुकी है। सरकार ने यह पैसा महिलाओं को रोजगार शुरू करने के लिए दिया है। छह महीने बाद इसकी समीक्षा की जाएगी और फिर उन्हें दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी।
बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद सरकार की इस योजना पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने चुनाव से पहले 10‑10हजार रुपये बांटकर वोट खरीदे। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, भी एनडीए के प्रचंड बहुमत में यह योजना एक प्रमुख कारण था। हालांकि, सत्ता पक्ष के नेता इन दावों को खारिज करते रहे हैं।