पूर्वी चंपारण की महिला मुखिया के घर से करोड़ों की लग्जरी गाड़ियाँ और हथियारों का भारी जखीरा बरामद हुआ। मुखिया के पति, कुख्यात अपराधी कमरुद्दीन अंसारी, के खिलाफ पहले से ही कई मामले दर्ज हैं। पुलिस ने बड़े पैमाने पर छापेमारी कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
पंचायत चुनाव में जीत हासिल कर राजनीति में कदम रखने वाली पूर्वी चंपारण जिले के मुरारपुर पंचायत की मुखिया फरजाना अंसारी का नाम अब अपराध के अड्डे से जुड़ गया है। शुक्रवार को हरसिद्धि थाना पुलिस ने उनके सरिसवा गांव स्थित आवास पर छापेमारी कर भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और करोड़ों की लग्जरी गाड़ियों का जखीरा बरामद किया। पुलिस ने इसे न केवल कानून व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बताया है, बल्कि पंचायत चुनावों में अपराधियों की घुसपैठ की गंभीर चेतावनी भी करार दिया है।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) स्वर्ण प्रभात के नेतृत्व में सदर-1 डीएसपी दिलीप कुमार, सदर-2 डीएसपी जितेश पांडेय, साइबर डीएसपी अभिनव परासर सहित सात थानों की पुलिस टीम ने छापेमारी की। जांच के दौरान पुलिस को एक कार्बाइन, एक राइफल, पाँच पिस्टल, 100 से अधिक कारतूस, और सात लग्जरी गाड़ियाँ मिलीं। बरामद गाड़ियों की कीमत लगभग दो करोड़ रुपये आंकी गई है। एसपी ने बताया कि यह पूरी कार्रवाई कुख्यात अपराधी कमरुद्दीन अंसारी उर्फ ‘ढोलकिया’ के खिलाफ की गई, जो फरजाना अंसारी के पति हैं और जिनके खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी सहित 21 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।
कमरुद्दीन हाल ही में मुंबई की जेल से लौटे थे और जुलाई में पंचायत उपचुनाव में अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाकर मुखिया बनवाया था। चुनाव जीतने के बाद फरजाना अंसारी का घर अपराधियों के ठिकाने के रूप में इस्तेमाल हो रहा था, इसकी पुष्टि पुलिस की कार्रवाई से हुई। एसपी ने कहा कि कमरुद्दीन का नेटवर्क पूरे इलाके में सक्रिय है और यह पंचायत चुनाव में अपराधी तंत्र की घुसपैठ का गंभीर उदाहरण है।
छापेमारी के दौरान गांव के लोग भी चौंक गए। इतनी बड़ी संख्या में पुलिस बल और भारी मात्रा में हथियार देखकर लोग दंग रह गए। पुलिस ने क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ा दी है और मामले की गहराई से जांच की जा रही है। यह भी कहा गया है कि पूरे नेटवर्क को बेनकाब कर दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
यह घटना बिहार में पंचायत चुनावों में बढ़ते अपराध और सत्ता में बैठे नेताओं के बीच आपराधिक गठजोड़ पर गंभीर सवाल खड़े करती है। स्थानीय लोग इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बता रहे हैं, जबकि प्रशासन ने सख्ती से कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। अब देखना यह है कि पुलिस आगे की जांच में क्या खुलासे करती है और क्या इस मामले से चुनावी राजनीति में अपराध की जड़ें उखाड़ी जा सकेंगी।