बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद, प्रशांत किशोर ने एक दिन का मौन व्रत रखने की घोषणा की। उन्होंने हार की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए माफी मांगी। साथ ही उन्होंने राजनीति छोड़ने की अटकलों का भी खंडन किया।
बिहार चुनाव 2025 में करारी शिकस्त झेलने के बाद आखिरकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को अपनी चुप्पी तोड़ी। जन सुराज पार्टी को मिली निराशाजनक हार के ठीक चार दिन बाद पटना के पाटलिपुत्र गोलंबर स्थित जन सुराज कैंप में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। जहां उन्होंने कहा कि दो दिन बाद वह भितहरवा आश्रम में एक दिन का मौन उपवास रखेंगे। उन्होंने कहा कि हमसे गलती हुई होगी, पर गुनाह नहीं। उपवास आत्मचिंतन का तरीका है। जो साथी चाहें, वे जहां हों वहीं से शामिल हो सकते हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रशांत किशोर ने साफ शब्दों में कहा कि जन सुराज के हारने के लिए सबसे पहले वे खुद जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, “हम सामूहिक रूप से हारे हैं, लेकिन इस हार की शत-प्रतिशत जिम्मेदारी मैं खुद पर लेता हूं। जनता ने हम पर भरोसा नहीं किया और हम उनकी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके।” PK ने सवाल उठाए जाने पर कहा कि उनकी टीम ने ईमानदारी से काम किया, लेकिन संगठन वो स्तर हासिल नहीं कर पाई, जैसा चुनावी मुकाबले में जरूरी था। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अनुभव से सीखकर आगे की रणनीति और मजबूत होगी।
PK ने घोषणा की कि वे भीतहरवा आश्रम में एक दिन का मौन उपवास रखेंगे। इसे उन्होंने व्यक्तिगत अनुशासन, आत्ममंथन और भविष्य को बेहतर करने के संकल्प का तरीका बताया। उन्होंने कहा, “अपनी गलतियों को स्वीकार करना कमजोरी नहीं, बल्कि सुधार की शुरुआत है। हमसे गलती जरूर हुई होगी, पर हमने किसी के भरोसे, भावना और उम्मीदों के साथ गुनाह नहीं किया।" PK ने यह भी बताया कि पार्टी के नेता, कार्यकर्ता और समर्थक अपने-अपने स्थान पर इस उपवास में शामिल होना चाहें तो शामिल हो सकते हैं, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है, बल्कि पूरी तरह व्यक्तिगत निर्णय होगा।
संबोधन के दौरान PK ने उन अटकलों को भी खारिज किया जिनमें कहा जा रहा था कि वे चुनावी हार के बाद सक्रिय राजनीति से पीछे हट सकते हैं। उन्होंने कहा, "कुछ लोग सोच रहे हैं कि मैं बिहार छोड़ दूंगा या राजनीति से दूर हो जाऊंगा, लेकिन यह उनकी गलतफहमी है। मैं पीछे नहीं हटूंगा, क्योंकि बिहार को सुधारना मेरी ज़िद और संकल्प दोनों है।" PK ने संकेत दिया कि आने वाले महीनों में पार्टी बूथ और पंचायत स्तर पर संगठनात्मक समीक्षा करेगी। साथ ही ग्राउंड सर्वे और समाजिक संवाद को फिर से मजबूत किया जाएगा। उनका कहना था कि चुनाव हारना, आंदोलन हारने का सबूत नहीं होता।
प्रशांत किशोर ने इस दौरान NDA व अन्य विजयी उम्मीदवारों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अब बिहार की जनता के भविष्य और सपनों को आकार देने की बारी सत्ता पक्ष की है। उन्होंने कहा, "अब नीतीश कुमार और पूरी NDA सरकार पर जिम्मेदारी है कि वे रोजगार, शिक्षा, पलायन, और विकास के मुद्दों पर ठोस नीतियां और परिणाम दें।" PK ने यह भी कहा कि बिहार आज भी रोजगार, महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, पलायन और भ्रष्टाचार जैसे मुख्य मुद्दों से लड़ रहा है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह वादों को केवल चुनावी नारों में सीमित न रखे, बल्कि धरातल पर लागू करे।