लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने सोशल मीडिया पर एक बार फिर से विस्फोट किया है। इस बार उन्होंने इशारों में तेजस्वी यादव और संजय यादव को खुली बहस की चुनौती दे दी है।
लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने एक बार फिर से सोशल मीडिया पर पोस्ट कर हलचल मचा दी है। इस बार उन्होंने उन लोगों को सीधी चुनौती दी है, जिन्होंने कथित रूप से उनकी ओर से पिता को किए गए किडनी डोनेशन पर सवाल उठाए या अपमानजनक टिप्पणी की है। रोहिणी ने कहा कि अगर वास्तव में लोग लालू प्रसाद यादव के नाम पर कुछ करना चाहते हैं, तो वे झूठी सहानुभूति व्यक्त करने के बजाय किडनी दान कर मानवता का उदाहरण पेश करें। इससे पहले रोहिणी ने कई अलग-अलग पोस्ट कर यह दावा किया था कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर रोहिणी आचार्य ने लिखा, “जो लोग लालू जी के नाम कुछ करना चाहते हैं, तो ऐसे लोगों को झूठी हमदर्दी जताना छोड़कर अस्पतालों में अपनी अंतिम सांसें गिन रहे उन लाखों-करोड़ों गरीब लोगों, जिन्हें किडनी की जरूरत है, को अपनी किडनी देने के लिए आगे आना चाहिए और लालू जी के नाम पर किडनी दान करनी चाहिए।”
उन्होंने आगे चुनौती देते हुए यह भी लिखा, “जरूरतमंदों को किडनी देने के महादान की शुरुआत पहले वे करें जो बेटी की किडनी को ‘गंदा’ बताते हैं। फिर हरियाणवी महापुरुष, चाटुकार पत्रकार और हरियाणवी भक्त ट्रोलर्स आगे आएं। एक बोतल खून देने के नाम पर जिनका खून सूख जाता है, वो किडनी देने पर उपदेश देते हैं?”
इसके साथ ही रोहिणी ने सार्वजनिक मंच पर बहस की भी घोषणा करते हुए कहा, “अगर शादीशुदा बेटी द्वारा पिता को किडनी दान देना गलत है, तो सामने आकर खुले मंच पर बहस करें, छिपने की जरूरत नहीं।”
इससे पहले रोहिणी ने 15 और 16 नवंबर को कई भावक पोस्ट भी किए। सबसे पहले पोस्ट में उन्होंने लिखा, "मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था और मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।" इसके अगले दिन उन्होंने कई और पोस्ट किए। जिसमें उन्होंने लिखा, "कल एक बेटी, एक बहन, एक विवाहिता, और एक मां को अपमानित किया गया, उसे गंदी-गंदी गालियां दी गईं, उसे मारने के लिए चप्पल उठाई गई।"
एक अन्य पोस्ट के जरिए उन्होंने कहा, "सभी शादीशुदा बेटी और बहनों को मैं बोलूंगी कि जब आपके मायके में कोई बेटा-भाई हो, तो भूलकर भी अपने भगवान रूपी पिता को नहीं बचाएं। अपने भाई और उस घर के बेटे को ही बोलें कि वो अपनी या अपने किसी हरियाणवी दोस्त की किडनी लगवा दें। मुझसे तो यह बड़ा गुनाह हो गया कि मैंने अपना परिवार, अपने तीनों बच्चों को नहीं देखा, किडनी देते वक्त न अपने पति, न अपने ससुराल से अनुमति ली। अपने भगवान, अपने पिता को बचाने के लिए वो कर दिया, जिसे आज गंदा बता दिया गया। आप सब मेरे जैसी गलती कभी ना करें, किसी घर में रोहिणी जैसी बेटी ना हो।"