पटना

‘घर टूटने का दर्द… हम समझ सकते हैं’, बुलडोजर एक्शन पर भड़के तेज प्रताप यादव, नीतीश सरकार से की 2 मांग

Bihar News: तेज प्रताप यादव ने आरोप लगाया कि कई शहरों में गरीब, दलित और पिछड़े समुदायों के घरों को बुलडोजर से जबरदस्ती तोड़ा जा रहा है। उन्होंने मांग की कि नीतीश सरकार इस कार्रवाई को रोके और जिन लोगों के घर तोड़े गए हैं, उन्हें आर्थिक मदद दे।

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Nov 27, 2025

Bihar News: बिहार में नई सरकार बनते ही अतिक्रमण पर शुरू हुए बुलडोजर एक्शन ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। पटना से लेकर नालंदा, सीतामढ़ी, आरा और मुजफ्फरपुर तक अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर कई झुग्गी-झोपड़ियां और कच्चे मकान-दुकान तोड़े गए। अब इस पूरे मामले पर पूर्व मंत्री और जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव का गुस्सा फूटा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखते हुए नीतीश सरकार और गृहमंत्री सम्राट चौधरी को कठोर शब्दों में चेतावनी दी है।

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घर टूटने का दर्द समझ सकते हैं - तेज प्रताप यादव

तेज प्रताप यादव ने X पर लिखा, “सभी को पता है कि नवंबर से ठंड शुरू होती है और दिसंबर-जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। इस मौसम में किसी का घर टूटने का दर्द क्या होता है, यह हम सभी समझ सकते हैं। क्या नए गृहमंत्री को नहीं दिख रहा कि छोटे-छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सड़क पर रात बिताने को मजबूर हैं?”

तेज प्रताप बोले- गरीबों का आशियाना उजाड़कर कैसा विकास?

तेज प्रताप ने कहा, “आज बिहार के हजारों की संख्या में गरीब, दलित, वंचित परिवार अपने-अपने घरों के टूटने से पूरी तरह टूट चुके हैं। उनकी आंखों से आंसू निकल रहे हैं, लेकिन कोई देखने वाला तक नहीं है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि राज्य में गरीब, दलित और वंचित लोगों के लिए "सामाजिक न्याय" अब है ही नहीं।”

तेज प्रताप ने पूछा- सम्राट चौधरी भूल गए जनता को?

गृहमंत्री सम्राट चौधरी पर हमला बोलते हुए तेज प्रताप लिखते हैं, “नीतीश सरकार में नए गृहमंत्री अपने पद को लेकर कुछ ज़्यादा ही उत्साहित हैं। वे ये भी भूल गए हैं कि कल तक जिस जनता-जनार्दन का गुणगान गाते थे आज उन्हीं के घर उजाड़ रहे हैं। नालंदा, सीतामढ़ी, पटना, आरा इत्यादि जैसे अनेकों जिलों में दो दिनों से लगातार बुलडोजर से गरीब, दलित, वंचित समुदाय के लोगों के घर मकान को जबरन तोड़ा जा रहा है।”

तत्काल रोक और मुआवजे की मांग

तेज प्रताप ने सरकार से दो मांगें की हैं। पहला कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीबों के मकान तोड़ने पर तुरंत रोक लगाई जाए। दूसरा कि जिनके घर टूटे हैं उन्हें रहने की व्यवस्था और आर्थिक सहायता दी जाए। अंत में उन्होंने चेतावनी देते हुए लिखा, “अगर यह सब नहीं रुका तो गरीबों के आंखों से निकले आंसू और उनकी बद्दुआ से कोई नहीं बच पाएगा। समय आने पर एक -एक आंसुओं का हिसाब हमारी जनता जनार्दन जरूर लेने का काम करेगी।”

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