Bihar Election: मंगलवार को महागठबंधन का घोषणा पत्र जारी होने से पहले तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन विकास का स्पष्ट रोडमैप लेकर चुनावी मैदान में है, जबकि एनडीए नेतृत्व और विजन दोनों के मोर्चे पर लड़खड़ा रहा है।
Bihar Election: बिहार विधानसभा चुनाव में अब सियासी बयानबाजी चरम पर है। मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और एनडीए गठबंधन पर तीखा हमला किया। उन्होंने सवाल किया, “हमारा मुख्यमंत्री चेहरा साफ है, पर एनडीए अपने उम्मीदवार का नाम क्यों छिपा रहा है?” महागठबंधन की ओर से घोषणापत्र जारी होने से पहले तेजस्वी ने मीडिया से बातचीत में यह बयान दिया।
तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन ने मुख्यमंत्री का चेहरा पहले ही घोषित कर दिया है और जनता के सामने स्पष्ट विजन रखा है। उन्होंने कहा, “हम लोग क्लियर हैं कि बिहार को नंबर वन बनाना है। लेकिन एनडीए को यह तो बताना चाहिए कि उनका सीएम कैंडिडेट कौन है? लोग अब भ्रम में नहीं रहेंगे।”
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि महागठबंधन आज घोषणापत्र जारी करने जा रहा है, जो बिहार के विकास का रोडमैप होगा। उन्होंने कहा, “हमने युवाओं को नौकरी, महिलाओं को सुरक्षा, किसानों को सम्मान और हर जिले के लिए उद्योग नीति का ब्लूप्रिंट तैयार किया है।” वहीं, एनडीए पर निशाना साधते हुए तेजस्वी बोले, “एनडीए का घोषणापत्र अब तक नहीं आया। जो भी योजनाएं वे लाते हैं, वे सब हमारी कॉपी हैं। उनके पास बिहार के लिए कोई नया विजन नहीं है।” उन्होंने कहा कि बिहार का यह चुनाव विजन बनाम नकल की जंग है, और जनता इस बार असली मुद्दों पर वोट देगी।
तेजस्वी ने एनडीए पर नकारात्मक राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, “हम बिहार को नंबर वन बनाना चाहते हैं, लेकिन एनडीए के लोग सिर्फ गाली देने में लगे हैं। उनका पूरा कैंपेन विपक्ष को बदनाम करने पर टिका है, जनता के मुद्दों पर नहीं।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कुछ दिनों पहले दिए गए भाषणों पर भी टिप्पणी करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री जी के भाषणों में अब विजन नहीं, सिर्फ विरोधी दलों पर झूठे आरोप हैं। बिहार के लोग अब सिर्फ सुनेंगे नहीं, जवाब भी देंगे।”
तेजस्वी यादव ने छठ पर्व के दौरान प्रवासी बिहारियों को आई दिक्कतों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “सरकार ने कहा था कि छठ के लिए 12,000 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। लेकिन कहां हैं वो ट्रेनें? लोग स्टेशन पर फंसे रहे, महिलाओं को बच्चों के साथ इंतजार करना पड़ा। यह सब बिहार की जनता देख चुकी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बिहार अब ठगे जाने के दौर से निकलना चाहता है। अब जनता के पास विकल्प है। एक ऐसा गठबंधन जो बातों से नहीं, योजनाओं से जवाब दे रहा है।