बिहार की राजनीति में जंगलराज शब्द का इस्तेमाल अक्सर होता है। एनडीए नेता लालू यादव के शासनकाल को संदर्भित करने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अब तेजस्वी यादव ने जंगलराज का मतलब समझाते हुए प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है।
बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, सियासी बयानबाज़ी अपने चरम पर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी और भाजपा लगातार महागठबंधन पर हमलावर है। एनडीए नेताओं का कहना है कि अगर महागठबंधन आई तो जंगलराज भी लौट आएगा। लेकिन अब तेजस्वी यादव ने इस शब्द का खुलकर जवाब दिया है। उन्होंने कहा, “जंगलराज वही होता है जहां अपराधियों को संरक्षण मिले, अपराध के बाद कार्रवाई न हो, और जनता न्याय के लिए भटके।”
शुक्रवार को चुनावी प्रचार प्रसार के लिए मैदान में उतरने से पहले तेजस्वी यादव ने भाजपा-जदयू पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में हर दिन लूट, हत्या, बलात्कार, डकैती और अपहरण की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन सत्ता पक्ष इसे ‘सुशासन’ कहता है।
तेजस्वी ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बताएं, अगर हर दिन गोली चलती है, अपराधी खुले घूमते हैं, तो जंगलराज किसे कहेंगे? हम पर आरोप लगाते हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि आज का बिहार ही असली जंगलराज में जी रहा है।”
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चुनावी भाषणों में खुद मोदी जी ने नीतीश सरकार के 55 घोटाले गिनवाए थे, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। तेजस्वी ने कहा, “घोटाले गिनवाने वाले अब उन्हीं के साथ मंच साझा कर रहे हैं। क्या यही नैतिकता है? क्या यही सुशासन है?” उन्होंने कहा कि भाजपा और जदयू सिर्फ़ डर और भ्रम फैलाकर जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाना चाहती है।
तेजस्वी यादव ने बार-बार कहा कि वे सिर्फ़ वही वादे करते हैं जो पूरे किए जा सकते हैं। उन्होंने जनता से कहा, “हम झूठी और टूटी-फूटी बात नहीं करते। हमने जो कहा, वो किया और जो कहेंगे, वो भी करेंगे। तेजस्वी अगर मुख्यमंत्री बनेगा, तो बिहार का हर नागरिक खुद को मुख्यमंत्री महसूस करेगा।”
तेजस्वी ने अपने 5-सूत्रीय पढ़ाई, कमाई, दवाई, सिंचाई और सुनवाई के विज़न को फिर दोहराया। उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है तो हर परिवार में एक सरकारी नौकरी दी जाएगी। महिलाओं के लिए “माई-बहिन मान योजना” के तहत प्रति माह ₹2,500 की आर्थिक सहायता दी जाएगी। तेजस्वी ने वादा किया कि जीविका दीदियों का मानदेय बढ़ेगा, संविदा कर्मियों को स्थायी नौकरी दी जाएगी और युवाओं को बिहार में ही रोजगार मिलेगा।