Year Ender 2025: बिहार के लिए 2025 निर्माण और तरक्की का साल था। राजधानी पटना में मेट्रो तो पूर्णिया में एयरपोर्ट की शुरुआत हुई। इसके अलावा कई नई सड़कों का उद्घाटन भी हुआ। आइए, उन बड़े प्रोजेक्ट्स पर नजर डालते हैं जिन्होंने इस साल बिहार की दिशा बदल दी।
Year Ender 2025: बिहार में कई ऐसे प्रोजेक्ट जो पहले सिर्फ फाइलों, घोषणाओं और शिलान्यास समारोहों तक ही सीमित थे, आखिरकार शुरू हो गए। इन परियोजनाओं स बिहार को टूरिज्म, हेल्थकेयर और एनर्जी के क्षेत्रों में एक नई पहचान बनाने में मदद मिली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में, 2025 को राज्य में कंस्ट्रक्शन और कनेक्टिविटी के लिए एक ऐतिहासिक साल माना जा रहा है। आइए कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स पर नज़र डालते हैं जिन्होंने 2025 को बिहार के लिए एक यादगार साल बनाया।
बिहार की राजधानी पटना में 6 अक्टूबर, 2025 को मेट्रो सेवा शुरू होने से राज्य में शहरी विकास को एक नई दिशा मिली है। पटना मेट्रो के पहले फेज में ISBT, ज़ीरो माइल और भूतनाथ स्टेशनों से सेवाएं शुरू हुईं। पटना मेट्रो प्रोजेक्ट में दो कॉरिडोर, ईस्ट-वेस्ट और नॉर्थ-साउथ प्रस्तावित हैं, जिनमें अंडरग्राउंड और एलिवेटेड दोनों तरह की लाइनें होंगी। भविष्य में, पटना जंक्शन, गांधी मैदान, राजेंद्र नगर, कंकड़बाग और बेली रोड जैसे प्रमुख इलाके मेट्रो से जुड़ जाएंगे। इस प्रोजेक्ट को शहर की ट्रैफिक समस्याओं का स्थायी समाधान माना जा रहा है।
23 जून, 2025 को उद्घाटन किया गया कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स-लेन पुल, गंगा नदी के दोनों किनारों को पहले से कहीं ज्यादा मजबूती से जोड़ता है। इसके खुलने से पटना और राघोपुर के बीच यात्रा का समय सिर्फ़ पांच मिनट रह गया है। पहले, मॉनसून के मौसम में राघोपुर के लोगों को नावों या पीपा पुलों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब पूरे साल बिना किसी रुकावट के यात्रा संभव है।
15 सितंबर, 2025 को पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन सीमांचल क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक पल था। एक दशक से भी ज़्यादा समय से देखे जा रहे सपने के सच होने से पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और नेपाल से सटे इलाकों के लोगों के लिए हवाई यात्रा आसान हो गई है।
22 अगस्त 2025 को औंटा-सिमरिया (मोकामा-बेगूसराय) सिक्स लेन गंगा पुल का उद्घाटन हुआ। यह पुल बिहार की ऐतिहासिक उपलब्धियों में शामिल हो गया है। इसके चालू होने से पटना और बेगूसराय के बीच कनेक्टिविटी पूरी तरह बदल गई और औद्योगिक व व्यावसायिक गतिविधियों को नई गति मिली।
11 जून 2025 को अशोक राजपथ पर बिहार का पहला डबल डेकर फ्लाइओवर शुरू हुआ। करीब 422 करोड़ रुपये की लागत से बने इस फ्लाइओवर ने शहर के सबसे व्यस्त मार्ग पर जाम की समस्या काफी हद तक कम कर दी। इसके अलावा 16 जून 2025 को मीठापुर-महुली एलिवेटेड रोड के उद्घाटन से सिपारा से महुली की दूरी अब केवल 5-6 मिनट में तय हो रही है।
21 सितंबर 2025 को राजेंद्र नगर स्थित प्रेमचंद रंगशाला के पास डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी का उद्घाटन हुआ। करीब 20.5 एकड़ में फैली इस साइंस सिटी में कुल पांच गैलरी प्रस्तावित हैं, जिनमें फिलहाल बीए साइंटिस्ट्स गैलरी और बेसिक साइंस गैलरी तैयार हो चुकी हैं।
लखीसराय का कजरा सोलर प्लांट देश का सबसे बड़ा बैटरी स्टोरेज युक्त सोलर पावर प्लांट बनकर ऊर्जा क्रांति का प्रतीक बना। बेला औद्योगिक क्षेत्र में 37 करोड़ रुपये के निवेश से टेक्सटाइल उद्योग को बढ़ावा मिला और करीब 1200 लोगों को रोजगार मिला।
17 मई 2025 को जीपीओ गोलंबर के पास राज्य के पहले स्मार्ट टनल और मल्टी मॉडल हब का उद्घाटन हुआ। यह जी+3 बिल्डिंग है, जहां स्टेशन और आसपास के क्षेत्रों के लिए पर्याप्त पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराई गई। पहले पटना जंक्शन के आसपास पार्किंग बड़ी समस्या थी, जिसे इस हब ने काफी हद तक हल कर दिया।
बांका जिले के रजौन प्रखंड स्थित बाबरचका गांव में सूबे का पहला स्मार्ट विलेज (उन्नति ग्राम) तैयार हुआ, जिसका उद्घाटन 02 फरवरी 2025 को हुआ। वहीं भागलपुर में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना पूरी होने से शहर को आधुनिक सार्वजनिक स्थल मिला और पर्यटन को नया आकर्षण प्राप्त हुआ।