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Afghanistan Earthquake: 812 मरे, 3000 से ज्यादा घायल, जानिए दुनिया में सबसे तेज और सर्वाधिक तबाही वाले भूकंप कहां और कब आए

Earthquake: अफगानिस्तान के कुनार और नंगरहार प्रांत में रात में 12 बजकर 47 मिनट पर जोरदार भूकंप से अबतक कुल 812 लोगों के मारे जाने की खबर है जबकि 3000 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं। आइए जानते हैं कि दुनिया में भूकंप के सबसे तेज झटके कब और कहां लगे और कितने लोग मारे गए?

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Sep 01, 2025
अफगानिस्तान में भूकंप (फोटो: X Account @RealBababanaras)

Earthquake in Afghanistan:अब तक कितनी मौतें और कितने लोग हुए घायल

अफगानिस्तान में भूकंप से मरने वालों की संख्या खबर प्रकाशित करने तक 812 बताई जा रही है। इस त्रासदी में 3000 से ज्यादा लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर है।

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इतिहास के सबसे खतरनाक और विनाशकारी भूकंप

संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6 मापी गई। इसका केंद्र अफगानिस्तान के जलालाबाद से 27 किसोमीटर उत्तर पूर्व में 8 किलोमीटर की गहराई में था। यहां 20 मिनट बाद 4.7 तीव्रता का दूसरा झटका लगा। इसकी गहराई 10 किलोमीटर गहराई में था। भूकंप का झटका इतना जोरदार था पाकिस्तान के साथ भारत की राजधानी दिल्ली तक की इमारतें हिल गई। आइए जानते हैं कि दुनिया में भूकंप के चलते कहां और कितनी तबाहियां हुई हैं।

1960 का चिली भूकंप: दुनिया का सबसे शक्तिशाली झटका

Great Chilean earthquake: चिली के मध्य क्षेत्र में 9.5 तीव्रता का वर्ष 1960 में भूकंप आया। इस भूकंप को वाल्डिविया भूकंप या ग्रेट चिली भूकंप के नाम से जाना जाता है। यह दुनिया में आए अब तक का सबसे बड़ा भूकंप था जिसके कारण चिली और दूसरे मुल्कों में 1,600 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई। दरअसल इस भूकंप के चलते सुनामी आई थी जिसमें हजारों की संख्या में घायल हो गए थे।

1964 में आया दूसरा सबसे बड़ा भूकंप

दुनिया में 1960 में सबसे तेज भूकंप झटका लगने के चार साल बाद 1964 में अलास्का के प्रिंस विलियम साउंड में 9.2 तीव्रता का भूकंप आया। पांच मिनट तक धरती डोलती रही। यह अमेरिका में दर्ज किए गए सबसा बड़ा भूकंप था। इस भूकंप के चलते आई सुनामी में 130 से ज़्यादा लोग मारे गए थे। इसके चलते भारी पैमाने पर भूस्खलन और समुद्र में ऊंची लहरों के कारण भीषण बाढ़ आई थी। इस भूकंप के बाद हफ़्तों तक हज़ारों झटके लगे।

वर्ष 2004 में भूकंप में 2.3 लाख मारे गए

2004 में 9.1 तीव्रता के भूकंप और उसके परिणामस्वरूप आई सुनामी ने दक्षिण-पूर्व, दक्षिण एशिया और पूर्वी अफ्रीका को तबाह कर दिया। इसके चलते 2,30,000 लोग मारे गए। अकेले इंडोनेशिया में ही 1,67,000 से ज़्यादा मौतें हुईं थीं।

2011 में जापान में भूकंप से 18 हजार मारे गए

उत्तर-पूर्वी जापान के तट पर वर्ष 2011 में 9.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके चलते एक विशाल सुनामी आई जिसने फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को तहस-नहस कर दिया। इससे बिजली और शीतलन प्रणालियां ठप हो गईं और तीन रिएक्टरों में पिघलन शुरू हो गई। इस भूकंप और सुनामी में 18,000 से ज़्यादा लोग मारे गए। इस भूकंप की त्रासदी में कइयों की लाशें या अवशेष आज तक बरामद नहीं हो पाए हैं।

2010 में चिली में 500 से ज़्यादा लोग मारे गए थे

2010 में मध्य चिली में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया था और देश की राजधानी डेढ़ मिनट तक हिलती रही। इस भूकंप ने भी सुनामी की स्थिति पैदा कर दी थी। इस आपदा में 500 से ज़्यादा लोग मारे गए थे।

2015 नेपाल भूकंप: हजारों जाने गईं

25 अप्रैल 2015 को नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। इस भूकंप ने बड़े पैमाने पर नेपाल को तबाह किया था। इसमें 9000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। लाखों लोगों के घर उजड़ गए थे।

2025 म्यांमार-थाईलैंड भूकंप: हजारों की मौत

इस साल 28 मार्च को म्यानमार और थाईलैंड में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए थे। इसी वर्ष मची थी म्यांमार में 7.7 तीव्रता भूकंप आया और इसके बाद 12 मिनट बाद 6.4 तीव्रता का एक और बड़ा झटका आया। भूकंप का केंद्र मध्य म्यांमार में था। इस वजह से थाईलैंड और चीन तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। म्यांमार में 3,768 और थाईलैंड में 30 लोग मारे गए थे। इसमें म्यांमार में लगभग 5,104 लोग और थाईलैंड में 38 लोग घायल हुए थे।

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Updated on:
01 Sept 2025 05:42 pm
Published on:
01 Sept 2025 01:24 pm
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