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Parliament Smoking Row : संसद में बवाल, लोगों ने कहा- दिल्ली में हम रोज 14 सिगरेट के बराबर पी रहे हैं धुआं

E-Cigarette Controversy : लोकसभा में TMC सांसद सौगत रॉय के ई-सिगरेट पर बीजेपी सांसदों ने सवाल उठाया। यह विवाद यहीं नहीं थमा। इस विवाद के बहाने लोगों ने दिल्ली के वायु प्रदूषण पर बात छेड़ दी। कांग्रेस सांसद ने राज्यसभा में बीजिंग शैली में दिल्ली के वायु प्रदूषण को दूर करने की मांग उठाई। यहां विस्तार से पढ़े पूरा मामला।

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Dec 12, 2025
बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में टीएमसी सांसद के ई सिगरेट पीने पर सवाल उठाया (Photo: IANS)

Parliament Smoking Row : बीजेपी पूर्व मंत्री और भाजपा के हमीरपुर सांसद अनुराग ठाकुर (BJP MP Anurag Thakur) लोकसभा में खड़े हुए और अध्यक्ष ओम बिरला से पूछा कि क्या सदन में ई-सिगरेट पीना जायज़ है, जबकि यह देश के बाकी हिस्सों में प्रतिबंधित है। उन्होंने बगैर नाम लिए कहा कि एक टीएमसी सांसद सदन बैठकर ई-सिगरेट पी रहे हैं। अनुराग ठाकुर ने सौगत रॉय (TMC MP Saugata Roy) की तरफ इशारा करते हुए उनपर कार्रवाई की मांग भी की।

गौरतलब है कि भारत में ई सिगरेट पर 2019 में बैन लगाया जा चुका है।

बीजेपी सांसद ने टीएमसी सांसद सौगत रॉय पर किया तंज

सदन की इस घटना के बाद टीएमसी के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय संसद भवन के बाहर सिगरेट पी रहे थे, तभी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत और गिरिराज सिंह उनके पास गए और उनसे कहा कि उन्हें सार्वजनिक स्थान पर सिगरेट नहीं पीनी चाहिए। सौगत रॉय ने सिगरेट को छुपाने की कोशिश की और कहा कि खुले स्थानों में धूम्रपान की अनुमति है। इसपर बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने कहा- 'दादा, चोरी भी करते हैं तो खुलेआम करते हैं। सिगरेट भी ​पीते हैं तो खुलेआम पीते हैं।' लोकसभा में घटी इस घटना के बहाने से सोशल मीडिया पर दिल्ली प्रदूषण पर लोगों का दर्द छलक आया।

'दिल्ली के प्रदूषण पर बीजेपी नेता चूं तक नहीं करते'

वरिष्ठ पत्रकार रूबी अरूण अपने फेसबुक वॉल पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा सौगत राय को सिगरेट पीने से टोकने पर लिखती हैं, 'यह बात तो ठीक है लेकिन ये लोग कितने डबल स्टैंडर्ड हैं। इन लोगों को दिल्ली का वायु प्रदूषण नजर नहीं आता? दिल्ली की हवा इतनी जहरीली है कि रोजाना 14 सिगरेट पीने के बराबर हर एक के फेफड़ों में धुआं जा रहा है और यह जानते हुए भी ये "चूं" नहीं करते? वह आगे लिखती हैं कि हिपोक्रेसी ऐसी कि विपक्ष के 81 वर्षीय सांसद को सबके सबके सामने रुखाई से टोक कर, ऑकवर्ड फील करा कर ये फिक्रमंद होने का ढोंग करते हैं।

'सिगरेट का पैसा दबाकर खाएंगे, लेकिन ऐतराज भी जताएंगे'

सोशल मीडिया पर मनोहर दास ने कटाक्ष करते हुए लिखा, 'सिगरेट के टैक्स का पैसा दबाकर खाएंगे, पर सिगरेट से ऐतराज जताएंगे। पूरे गुड़गांव में स्कूल बाहर फेंक दिए, ठेके हर मोड़ खोल दिए।' वहीं एक दूसरे सोशल मीडिया यूजर ने कहा कि सिगरेट और शराब का उत्पादन ही बंद क्यों नहीं करवा देते,

'सांसदों को नागरिकों के स्वास्थ्य की चिंता भी हो'

वहीं संजय शर्मा ने टिप्पणी करते हुए लिखा, सार्वजनिक जगहों पर स्मोकिंग नहीं होना चाहिए। लेकिन सांसदों व मंत्रियों को पूरे देश के नागरिकों के स्वास्थ्य की भी चिंता होनी चाहिए। वे सिर्फ अपने स्वास्थ्य की चिंता कर रहे हैं। यहां छत्तीसगढ़ में रोजाना हजारों पेड़ काटकर क्या जनता स्वास्थ्य मजबूत कर रहे हैं?'

​बीजिंग शैली में दिल्ली के प्रदूषण को ठीक करने की मांग उठी

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा के शून्यकाल के दौरान दिल्ली प्रदूषण को लेकर कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण एक मानवीय संकट है और उन्होंने सरकार से प्रदूषण से निपटने के लिए बीजिंग शैली की समयबद्ध स्वच्छ वायु आपातकालीन योजना शुरू करने की मांग की।

उन्होंने सरकार पर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त उपाय न करने और जवाबदेही तय न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में लोग अभी भी जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं।

बीजिंग की हवा कभी दिल्ली से भी हो चुकी थी खराब

टैगोर ने कहा था कि कुछ साल पहले चीन की राजधानी बीजिंग दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषित थी, लेकिन बीजिंग ने सख्त समयसीमा और जवाबदेही तय करके और परिवहन व्यवस्था का विद्युतीकरण करके सुधार के कदम उठाए। उन्होंने कहा कि मैं बीजिंग शैली की एक तत्काल, समयबद्ध, स्वच्छ वायु आपातकालीन योजना की मांग करता हूं।

बीजिंग में कैसे हुआ प्रदूषण में सुधार?

  • बीजिंग में अधिक प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों का आधुनिकीकरण किया गया। कोयला आधारित बिजली प्लांट का नवीनीकरण किया गया।
  • भारी डीजल और गैसोलीन से चलने वाले वाहनों को हटाकर इलेक्ट्रिक बसें उतारी गईं।
  • लो एमिशन जोन बनाए गए, जहां स्वच्छ ईंधन वाले वाहनों को तवज्जो दी गई।
  • व्यापक वायु प्रदूषण नियंत्रण कानून और तंत्र स्थापित किए गए।
  • पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने वाले उद्योगों के मालिकों पर भारी जुर्माना लगाया और जेल की सजा तक दी गई।
  • कंस्ट्रक्शन साइटों पर धूल पर नियंत्रण लगाने के सख्त नियम लागू किए गए।
  • रियलटाइम वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली स्थापित की गई, जिससे लोगों के बीच पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी।
  • आम लोगों के बीच वायु प्रदूषण कम करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए।
  • दीर्घकालिक परिणाम के लिए 'ग्रीन फाइनेंसिंग' कार्यक्रम शुरू किए गए।

दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर चौकाने वाले आंकड़ें

  • दिल्ली में करीब 22 लाख बच्चों के फेफड़ों को स्थायी तौर पर नुकसान पहुंचा है।
  • वर्ष 2022-2024 के बीच 2 लाख से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
  • वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली के लाल किले का पत्थर का रंग काला पड़ने लगा है।
  • हवा में माइक्रोप्लास्टिक कण पाए गए, जो स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं।
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