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संसद में ई-सिगरेट पर हंगामा: जानें क्या है ई-सिगरेट, भारत में क्यों है बैन और क्या है सज़ा

स्पीकर ओम बिरला ने अनुराग ठाकुर से कहा है कि आप इसकी शिकायत लिखित में दीजिए। मैं निश्चित रूप से कड़ी कार्रवाई करूंगा। इसके साथ ही स्पीकर ने कहा कि संसद में किसी भी सांसद को ई-सिगरेट या ऐसे उत्पादों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है।

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अनुराग ठाकुर (Photo-IANS)

Parliament Winter Session: संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। गुरुवार को बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने स्पीकर ओम बिरला से शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि TMC के सांसद सदन में ई-सिगरेट पी रहे हैं। इस पर स्पीकर ने आश्वासन दिया कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज सदन में ममता बनर्जी की पार्टी के तीन सांसद ई-सिगरेट पीते हुए देखे गए, जिसके बाद हंगामा मच गया। अब सबकी नज़र इस बात पर है कि ये तीन टीएमसी सांसद कौन हैं, हालांकि अभी तक उनके नाम सामने नहीं आए हैं।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अनुराग ठाकुर के इस आरोप पर प्रतिक्रिया दी कि TMC सांसद सदन में ई-सिगरेट पी रहे थे। उन्होंने कहा कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है, और इसके अंदर ई-सिगरेट लाना कानून के खिलाफ है।

क्या है ई-सिगरेट?

ई-सिगरेट, वेप या वेप पेन (Vape Pen) बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होते हैं। इनमें मौजूद ई-लिक्विड में निकोटिन, फ्लेवर और अन्य रसायन मिलाए जाते हैं। यह लिक्विड गर्म होकर भाप के रूप में निकलता है। सामान्य सिगरेट की तरह इसमें धुआं नहीं, बल्कि भाप निकलती है।

भारत में बैन, जुर्माना और सज़ा

भारत सरकार ने 2019 में ई-सिगरेट को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया था और इसके लिए ई-सिगरेट प्रतिषेध अधिनियम 2019 लागू किया गया। इस कानून के तहत ई-सिगरेट से जुड़ी सभी गतिविधियाँ—जैसे निर्माण, बिक्री, वितरण, आयात और विज्ञापन-गैरकानूनी हैं। पहली बार उल्लंघन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना और 1 साल की जेल। दोबारा पकड़े जाने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना और 3 साल की जेल, या दोनों। भारत के अलावा दुनिया के करीब 37 देशों में भी ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लागू है।