Asia's Largest Mosque : भोपाल को मस्जिदों का शहर भी कहा जाता है। यही वो शहर है, जहां एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद मौजूद है। जी हां... हम बात कर रहे हैं मस्जिदों का ताज कही जाने वाली ताज-उल-मसाजिद की।
Asia's Largest Mosque :मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को तालाबों और नवाबों का शहर तो कहा ही जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि, भोपाल को मस्जिदों का शहर भी कहा जाता है। भोपाल शहर में एक से बढ़कर एक नायाब और अनोखी कारीगरी से सुसज्जित मस्जिदें हैं। शहर के क्षेत्रफल के हिसाब से देखें तो भोपाल में छह सौ से ज्यादा मस्जिदें हैं, जो संभवत: दुनियाभर में सबसे ज्यादा हैं। भोपाल ही वो शहर है, जहां एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद मौजूद है। जी हां… हम बात कर रहे हैं मस्जिदों के ताज के नाम से मशहूर ताज-उल-मसाजिद की। मस्जिद की विशालता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, इसके बनने में 85 साल का समय लगा था।
आपको बता दें कि, बता दें की ताजुल मस्जिद का निर्माण मुगल काल में हुआ था। भोपाल शासक शाहजांह बेगम ने साल (1844-1901) इसका काम शुरू करवाया था। बाहदुर शाह ज़फर की दौरे हुकुमत में शाहजांहा बेगम ने इसका काम शुरू करवाया था। शाहाजांहा बेगम की म्रत्यु के बाद उनकी बेटी सुल्तान जहां बेगम ने इसका निर्माण कार्य जारी रखा। लेकिन, कुछ वक्त में पैसों की कमी के कारण बाद में इसका निर्नाण कुछ समय के लिए रूक गया।
बाद में सल 1971 में भोपाल के अल्लामा मोहम्मद इमरान खान नदवी अज़हरी और मौलाना सैयद हशमत अली साहब के कड़े प्रयासों से मस्जिद का निर्माण फिर से शुरू हुआ। सन् 1985 में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ और इसके पूर्व दिशा का मुख्य प्रवेश द्वार का नवीनीकरण किया गया।
मस्जिद में दो 18 मंज़िला ऊंची मिनारे हैं जो संगमरमर के गुंबज़ो से सजी है। इसके अलावा मस्जिद में तीन बड़े गुंबज़ भी है जो मस्जिद की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। मस्जिद के बीचो- बीच पानी से भरा एक बड़ा सा वज़ुखाना है। मस्जिद में एक बड़ा सा दालान, संगमरमर का फर्श और स्तम्भ हैं। मोतिया तालाब और ताज-उल-मस्जिद को मिलाकर मस्जिद का कुल क्षेत्रफल 14 लाख 52 हजार स्क्वेयर फीट है।