राजस्थान सरकार ने बजट घोषणा में दावा किया था कि प्रदेश के हर जिले में एक नई खेल एकेडमी खोली जाएगी, लेकिन सरकारी एकेडमी कहीं भी शुरू नहीं हुई है।
जयपुर। 15 दिसंबर को राजस्थान की भजनलाल सरकार के 2 साल पूरे हो जाएंगे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कहना है कि युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करना उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, लेकिन राजस्थान सरकार की कई घोषणाएं कागजी साबित हो रही हैं।
राजस्थान सरकार ने बजट घोषणा में दावा किया था कि प्रदेश के हर जिले में एक नई खेल एकेडमी खोली जाएगी। पंच गौरव में खेलों का चयन भी किया गया। घोषणा के बाद राजस्थान में निजी एकेडमियां तो खूब खुल रही है, लेकिन सरकारी एकेडमी कहीं भी शुरू नहीं हुई।
यहां तक कि पंच गौरव में शामिल किसी एक भी एकेडमी में अस्थाई प्रवेश नहीं हुए। खिलाड़ी घोषणा को धरातल पर लाने का इंतजार कर रहे हैं। इसी माह सरकार का तीसरा साल शुरू होने वाला है, लेकिन एकेडमियों का पता किसी को नहीं है।
झुंझुनूं में बास्केट बॉल ऐकडमी खोलने की घोषणा हुई तो अनेक खिलाड़ियों ने जश्न मनाया था। उनको खुशी हुई थी अब पहले से बेहतर काचिंग मिलेगी लेकिन, इसका इंतजार पूरा नहीं हो रहा। एक्सपर्ट का कहना है कि एकेडमी में प्रवेश ट्रायल व जरूरी प्रक्रिया अपनाने के बाद किया जाता है।
खेल एकेडमी खुलने से यहां खिलाड़ियों के लिए रहने, कोचिंग, नाश्ता, भोजन, जरूरी खेल उपकरण, ड्रेस का खर्चा राजस्थान सरकार वहन करेगी। खिलाड़ियों के लिए एनआईएस व अन्य डिग्री वाले कोच लगाए जाते हैं।
इसका संचालन राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद के माध्यम से होगा। इसके अलावा यहां जो खिलाड़ी रहेंगे उनकी पढ़ाई का तय सीमा तक खर्चा भी राज्य सरकार वहन करेगी। चाहे स्कूल सरकारी हो या निजी।
झुंझुनूं जिले में अनेक खिलाड़ी अंतराष्ट्रीय स्तर के हुए हैं। दर्शन सिंह जोड़िया, भारतीय टीम में रह चुके। इनके अलावा ओमप्रकाश ढाका, शरद दाधीच, सुनील टंडन, दिलीप, लोकेश, नीतेश गुर्जर देश-विदेश में खेल चुके।
इनके अलावा महेश शर्मा, रविंद सांगवान, नरेंद्र फौजी, राजीव, विनोद सैनी, श्याम सुंदर यादव, ओम प्रकाश शर्मा, अनिल कुल्हार, मनोज तिवारी, लव कुमार जोशी, कुश कुमार जोशी, सुधांशु शर्मा, नितिन यादव, राहुल यादव, शैलेंद्र शर्मा, चंदन शर्मा, गोपाल शर्मा सहित अनेक खिलाड़ी झुंझुनूं ने दिए हैं।
बास्केटबॉल खेलकर अनेक खिलाड़ी, राजस्थान सरकार, रेलवे, सेना सहित कई जगह सरकारी नौकरियां कर रहे हैं। इनके अलावा मीनाक्षी जोशी,आंचल खीचड़, शालिनी, सिया शेखावत, वर्तिका व अंकिता कुमावत सहित अनेक बेटियां बास्केटबॉल को आगे बढ़ा रही है।
| जिला | खेल |
|---|---|
| अजमेर | हॉकी |
| अलवर | कुश्ती |
| बालोतरा | क्रिकेट |
| बांसवाड़ा | फुटबॉल |
| बारां | फुटबॉल |
| बाड़मेर | बास्केटबॉल |
| जयपुर | कबड्डी |
| भरतपुर | कुश्ती |
| भीलवाड़ा | बास्केटबॉल |
| बीकानेर | तीरंदाजी |
| बूंदी | एथलेटिक्स |
| चित्तौड़गढ़ | कबड्डी |
| चूरू | एथलेटिक्स |
| दौसा | फुटबॉल |
| डीग | कुश्ती |
| धौलपुर | हॉकी |
| कुचामन–डीडवाना | कबड्डी |
| डूंगरपुर | हॉकी |
| श्रीगंगानगर | एथलेटिक्स |
| हनुमानगढ़ | हॉकी |
| जयपुर | कबड्डी |
| जैसलमेर | जिम्नास्टिक |
| जालोर | बॉक्सिंग |
| झालावाड़ | बास्केटबॉल |
| झुंझुनूं | बास्केटबॉल |
| जोधपुर | जिम्नास्टिक |
| करौली | क्रिकेट |
| खैरथल–तिजारा | कुश्ती |
| कोटा | कुश्ती |
| कोटपूतली–बहरोड़ | कुश्ती |
| नागौर | कबड्डी |
| पाली | बास्केटबॉल |
| फलौदी | एथलेटिक्स |
| प्रतापगढ़ | एथलेटिक्स |
| राजसमंद | हॉकी |
| सलूम्बर | कबड्डी |
| सवाई माधोपुर | फुटबॉल |
| सीकर | तीरंदाजी |
| सिरोही | तीरंदाजी |
| टोंक | एथलेटिक्स |
| उदयपुर | तैराकी |
जानें, क्या होता है अकादमी में
अकादमी में ट्रायल व कुछ टेस्ट के आधार पर खिलाड़ियों का चयन किया जाता है। इनको यहां फ्री कोचिंग दी जाती है। नेशनल व इंटरनेशनल मानक वाले खेल मैदान तैयार किए जाते हैं। छात्रावास में खिलाड़ियों के रहने, भोजन, नाश्ता, खेल उपकरणों की सुविधा निशुल्क रहती है। खिलाड़ियों की स्कूल की फीस भी सरकार देती है।
झुंझुनूं में बास्केटबॉल एकेडमी खोली जाएगी। इसके लिए स्टेडियम में जगह तय कर ली गई है। इसके खुलने से खिलाड़ियों को काफी फायदे होंगे।
खेल एकेडमियों के खोलने की घोषणा हुए लंबा समय हो गया, अब धरातल पर कार्य शुरू होना चाहिए। सरकार चाहे तो अस्थाई प्रवेश प्रकिया शुरू कर सकती है।