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मेलिसा तूफान की भारत के लिए चेतावनी: गर्म समुद्र ने कैटेगिरी 5 बनाईं, अब बंगाल की खाड़ी पर खतरा !

Hurricane Melissa Monster: मेलिसा तूफान ने गर्म समुद्र से कैटेगिरी 5 की ताकत पाई है। भारत में भी यही पैटर्न बन रहा है।

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Oct 30, 2025

Hurricane Melissa Monster: कैरिबियन सागर में मेलिसा नाम का तूफान (Hurricane Melissa Category 5) इतना खतरनाक हो गया है कि उसने जमैका को हिला कर रख दिया। मंगलवार को कैटेगिरी 5 के रूप में दाखिल हुआ, हवाएं 185 मील प्रति घंटे (298 किमी/घंटा) की रफ्तार से चलीं। ये रिकॉर्ड 1935 के लेबर डे और 2019 के डोरियन तूफान के बराबर है। लेकिन भारत के लिए यह सिर्फ विदेशी खबर नहीं है, बल्कि सीधी चेतावनी है। क्योंकि मेलिसा (Hurricane Melissa Monster) जिस तरह तेजी से मजबूत हुआ है, वही पैटर्न अब बंगाल की खाड़ी (Melissa Jamaica landfall) और अरब सागर में बन रहा है।

मेलिसा तूफान की भयावहता। डिजाइन : पत्रिका

पानी का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया(Warm ocean waters intensification)

मेलिसा की ताकत का राज था – साल भर बिना छुए गर्म समुद्र। कैरिबियन में कोई बड़ा तूफान नहीं आया था, इसलिए पानी का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। सतह पर 86.5 से 87.7 डिग्री फॉरेनहाइट (30.3-30.9°C) और गहराई में भी गर्मी। तूफान धीरे चला – कभी 2-3 मील/घंटे – लेकिन ठंडा पानी ऊपर नहीं आया, बल्कि गर्म पानी ने इसे और ईंधन दिया। नतीजा? 24 घंटे में 35 मील हवा की बढ़ोतरी – इसे 'रैपिड इंटेंसिफिकेशन' कहते हैं।

कैटेगिरी 5 चक्रवात बन सकता है

भारत कनेक्शन यहां है। IMD के वैज्ञानिकों ने देखा कि 2020 का अम्फान और 2021 का यास भी इसी तरह तेज हुए थे। अरब सागर में पानी का तापमान इस साल नवंबर में भी 30°C से ऊपर है – यह मेलिसा जैसा है। अगर कोई सिस्टम धीमा पड़ा, तो कैटेगिरी 5 चक्रवात बन सकता है। मेलिसा का दबाव 892 मिलिबार था – कम दबाव मतलब ज्यादा तबाही। भारत में फानी (2019) ने 902 मिलिबार तक दबाव दिखाया था, लेकिन अब गर्मी बढ़ने से और कम हो सकता है।

चक्रवात सीजन लंबा खिंच रहा है

जलवायु विशेषज्ञ जेफ मास्टर्स की भारत के लिए चेतावनी भी है: “ऐसे तूफान अब आम होंगे।” क्लाइमेट सेंट्रल के अनुसार, मानव गतिविधियों ने मेलिसा जैसी स्थिति 700 गुना आसान बना दी है। भारत में 2025 के मानसून के बाद भी चक्रवात सीजन लंबा खिंच रहा है। ओडिशा, आंध्र, गुजरात के तटीय इलाकों में अलर्ट बढ़ाने की जरूरत है।

साल का अंत भी सुरक्षित नहीं

जमैका में 15,000 लोग शरणार्थी बने हैं। क्यूबा में मेलिसा कैटेगरी 3 बना है और बहामास की ओर बढ़ा है। भारत में IMD ने मेलिसा की सैटेलाइट डेटा का इस्तेमाल कर नया मॉडल तैयार किया है – अब 12 घंटे पहले 'रैपिड इंटेंसिफिकेशन' की चेतावनी देगा। सरकार तटीय दीवारें, मंगलसूत्र जैसी योजनाएं तेज कर रही हैं, लेकिन सवाल यह है – क्या हम तैयार हैं? मेलिसा ने साबित कर दिया है कि साल का अंत भी सुरक्षित नहीं। भारत को अभी से सतर्क होना होगा, वरना अगला 'मेलिसा' मुंबई या कोलकाता को निशाना बना सकता है।

लेबर डे तूफान और 2019 के डोरियन के बराबर

अमेरिकी कैरिबियन द्वीप जमैका पर मंगलवार को एक ऐसी प्राकृतिक आपदा ने हमला किया है, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। तूफान मेलिसा कैटेगिरी 5 का बन गया, जिसकी हवाओं की रफ्तार 185 मील प्रति घंटे (लगभग 298 किमी/घंटा) तक पहुंच गई। ये रिकॉर्ड 1935 के लेबर डे तूफान और 2019 के डोरियन के बराबर है। विशेषज्ञों के मुताबिक, मेलिसा की ताकत ने एटलांटिक महासागर के इतिहास में नया अध्याय लिखा है। जमैका सरकार ने लोगों को आश्रय में रहने की सलाह दी है, क्योंकि भारी बारिश और तेज हवाओं ने बाढ़, भूस्खलन और बिजली गुल की स्थिति पैदा कर दी ​है।

(वॉशिंग्टन पोस्ट का यह आलेख पत्रिका.कॉम पर दोनों समूहों के बीच विशेष अनुबंध के तहत पोस्ट किया गया है।)

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