
क्यूबा पहुंचा तूफान मेलिसा (फोटो- पत्रिका ग्राफिक्स)
अटलांटिक महासागर में पिछले 150 सालों में आए सबसे शक्तिशाली तूफानों में से एक मेलिसा तूफान ने भारी तबाही मचा रखी है। जमैका में कहर बरपाने के बाद, बुधवार शाम को यह तूफान 208 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से क्यूबा पहुंचा। जमैका में हुई व्यापक बर्बादी के मद्देनज़र, तूफान के क्यूबा पहुंचने से पहले ही 7 लाख 35 हजार लोगों को बचाव दलों की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था। राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कैनेल ने तूफान के आगमन से पहले बड़े नुकसान की आशंका जताते हुए लोगों से घर खाली करने की अपील की थी। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इस तूफान को सदी का सबसे खतरनाक तूफान बताया है।
अमेरिकी मौसम विभाग के अनुसार, इस तूफान की रफ्तार 1935 के 'लेबर डे तूफान' के बराबर है, जिसके कारण फ्लोरिडा में हवा की रफ्तार 300 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई थी। मेलिसा तूफान मंगलवार रात को जमैका से टकराया था, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ। इस दौरान 185 मील प्रति घंटा (लगभग 298 किमी/घंटा) की रफ्तार से हवाएं चलीं, जिसके कारण कई बड़ी इमारतें ढह गईं। जानकारी के अनुसार, इस घातक तूफान की चपेट में आने से अब तक कम से कम 30 लोगों की मौत हो चुकी है।
जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होल्नेस ने पूरे देश को आपदा क्षेत्र (Disaster Zone) घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस तूफान ने देश को भारी क्षति पहुंचाई है, लेकिन साथ ही यह भी दोहराया कि हम इसे फिर बनाएंगे और पहले से भी बेहतर। जमैका से टकराने वाले अब तक के इस सबसे शक्तिशाली तूफान के कारण देश के ज़्यादातर हिस्सों में बिजली गुल हो गई है, और इंटरनेट कनेक्टिविटी घटकर सिर्फ 30% रह गई है। शुरुआत में यह तूफान कैटेगरी 5 का था, लेकिन हवा की रफ्तार घटने से यह अब कैटेगरी 3 का तूफान बन गया है। अमेरिकी नेशनल हरिकेन सेंटर ने इसे 'घातक' करार दिया है। इसके कारण हुई भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं, और ऊंचे इलाकों में भूस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है।
Published on:
30 Oct 2025 12:01 pm
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