Dengue in Rajasthan : राजस्थान में डेंगू के मामले बरसात में बढ़ते हैं। 2021 में सबसे ज्यादा 20,141 केस दर्ज हुए। जानें 2025 की ताजा स्थिति और रोकथाम उपाय।
Dengue in Rajasthan : राजस्थान में बारिश के के साथ डेंगू का खतरनाक खतरा दस्तक देने लगता है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि सरकार और लोग मिलकर इस मच्छर से होने वाली बीमारी का डटकर मुकाबला कर रहे हैं।
पिछले कुछ सालों में राजस्थान में डेंगू के मामलों में उतार-चढ़ाव देखा गया है। साल 2021 में सबसे ज्यादा 20,141 मामले सामने आए थे। इसके बाद 2022 में 12,979, 2023 में 13,924 और 2024 में 12,514 मामले दर्ज हुए। वहीं 2025 में अब तक 440 मामले दर्ज हो चुके हैं।
2021 का साल डेंगू के लिए सबसे भारी रहा, जब 20,141 मामले दर्ज हुए। इसके बाद, मामलों में कुछ कमी ज़रूर आई, लेकिन संख्या अभी भी हजारों में है।
| साल | डेंगू के मामले |
|---|---|
| 2022 | 12,979 |
| 2023 | 13,924 |
| 2024 | 12,514 |
| 2025 | 440 (अब तक) |
अगर हम पिछले 5 सालों के कुल मामलों को देखें, तो यह संख्या 75,000 से भी अधिक हो जाती है। यह दिखाता है कि डेंगू एक गंभीर समस्या है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि मृत्यु दर में भारी कमी आई है।
मृत्यु दर में 91% की कमी: ये डेंगू के खिलाफ एक बड़ी जीत है।
जहां 2021 में 62 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 2024 में यह संख्या घटकर केवल 5 रह गई। और इस साल (2025) अब तक एक भी मौत नहीं हुई है! यह कमी स्वास्थ्य विभाग की मेहनत और जागरूकता अभियानों का नतीजा है।
डेंगू से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार जागरूकता है। इसीलिए स्वास्थ्य विभाग लगातार कई कदम उठा रहा है।
जागरूकता अभियान: गांवों और शहरों में लोगों को डेंगू के बारे में बताया जा रहा है, पोस्टर, बैनर और सोशल मीडिया का इस्तेमाल हो रहा है।
मच्छर नियंत्रण: हाई-रिस्क ज़ोन में मच्छरों को खत्म करने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।
टास्क फोर्स: जिला स्तर पर टास्क फोर्स की बैठकें हो रही हैं ताकि तैयारियों का जायजा लिया जा सके।
याद रखें, डेंगू के मच्छर साफ रुके हुए पानी में पनपते हैं. इसलिए यह आपकी जिम्मेदारी है कि अपने घर और आसपास पानी जमा न होने दें। कूलर, गमलों और पुरानी टंकियों को नियमित रूप से साफ करें.
साथ ही अपने बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं और सोने के समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
16 सितंबर 2025 तक
| क्रम संख्या | जिला | डेंगू (पॉजिटिव केस) | मृत्यु | मलेरिया (पॉजिटिव केस) | मृत्यु | चिकनगुनिया (पॉजिटिव केस) | मृत्यु |
| 1 | अजमेर | 160 | 0 | 9 | 0 | 5 | 0 |
| 2 | अलवर | 73 | 0 | 14 | 0 | 8 | 0 |
| 3 | बालोतरा | 3 | 0 | 13 | 0 | 1 | 0 |
| 4 | बांसवाड़ा | 11 | 0 | 10 | 0 | 0 | 0 |
| 5 | बारां | 36 | 0 | 2 | 0 | 2 | 0 |
| 6 | बाड़मेर | 47 | 0 | 163 | 0 | 0 | 0 |
| 7 | ब्यावर | 12 | 0 | 3 | 0 | 0 | 0 |
| 8 | भरतपुर | 21 | 0 | 6 | 0 | 2 | 0 |
| 9 | भीलवाड़ा | 6 | 0 | 10 | 0 | 0 | 0 |
| 10 | बीकानेर | 90 | 0 | 30 | 0 | 4 | 0 |
| 11 | बूंदी | 31 | 0 | 10 | 0 | 4 | 0 |
| 12 | चित्तौड़गढ़ | 9 | 0 | 13 | 0 | 2 | 0 |
| 13 | चूरू | 15 | 0 | 7 | 0 | 5 | 0 |
| 14 | दौसा | 32 | 0 | 1 | 0 | 11 | 0 |
| 15 | डीग | 5 | 0 | 2 | 0 | 2 | 0 |
| 16 | धौलपुर | 16 | 0 | 1 | 0 | 4 | 0 |
| 17 | डीडवाना | 17 | 0 | 5 | 0 | 6 | 0 |
| 18 | डूंगरपुर | 8 | 0 | 4 | 0 | 0 | 0 |
| 19 | हनुमानगढ़ | 10 | 0 | 0 | 0 | 1 | 0 |
| 20 | जयपुर | 104 | 0 | 14 | 0 | 44 | 0 |
| 21 | जयपुर 2 | 81 | 0 | 1 | 0 | 17 | 0 |
| 22 | जैसलमेर | 2 | 0 | 181 | 0 | 0 | 0 |
| 23 | जालोर | 10 | 0 | 7 | 0 | 1 | 0 |
| 24 | झालावाड़ | 17 | 0 | 3 | 0 | 0 | 0 |
| 25 | झुंझुनू | 55 | 0 | 1 | 0 | 5 | 0 |
| 26 | जोधपुर | 16 | 0 | 28 | 0 | 10 | 0 |
| 27 | करौली | 35 | 0 | 0 | 0 | 5 | 0 |
| 28 | खैरथल | 17 | 0 | 1 | 0 | 1 | 0 |
| 29 | कोटा | 126 | 0 | 11 | 0 | 19 | 0 |
| 30 | कोटपुतली | 49 | 0 | 15 | 0 | 22 | 0 |
| 31 | नागौर | 18 | 0 | 5 | 0 | 2 | 0 |
| 32 | पाली | 8 | 0 | 26 | 0 | 2 | 0 |
| 33 | फलोदी | 3 | 0 | 5 | 0 | 1 | 0 |
| 34 | प्रतापगढ़ | 6 | 0 | 33 | 0 | 0 | 0 |
| 35 | राजसमंद | 15 | 0 | 20 | 0 | 0 | 0 |
| 36 | सवाई माधोपुर | 45 | 0 | 9 | 0 | 2 | 0 |
| 37 | श्री गंगानगर | 20 | 0 | 7 | 0 | 0 | 0 |
| 38 | सलूम्बर | 8 | 0 | 27 | 0 | 0 | 0 |
| 39 | सीकर | 23 | 0 | 4 | 0 | 6 | 0 |
| 40 | सिरोही | 2 | 0 | 39 | 0 | 2 | 0 |
| 41 | टोंक | 45 | 0 | 0 | 0 | 7 | 0 |
| 42 | उदयपुर | 38 | 0 | 124 | 0 | 29 | 0 |
| कुल | 1345 | 0 | 864 | 0 | 232 | 0 |
डेंगू के साथ-साथ, राजस्थान में मलेरिया भी एक चुनौती है। 2024 में 2,213 मामले सामने आए थे लेकिन इस साल 30 जून तक यह संख्या सिर्फ 263 है! यह कमी भी जागरूकता अभियानों की सफलता को दर्शाती है।
राजस्थान डेंगू के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई लड़ रहा है, और आंकड़े बताते हैं कि हम सही दिशा में हैं। लेकिन यह लड़ाई तभी जीती जा सकती है जब सरकार और आम जनता मिलकर काम करें। तो, जागरूक रहें, सुरक्षित रहें और अपने आसपास को स्वच्छ रखें। आपकी एक छोटी सी कोशिश, एक बड़ा बदलाव ला सकती है।