Minister Gajendra yadav: 20 अगस्त को उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली, और इसके साथ ही दुर्ग संभाग को भी मंत्री प्रतिनिधित्व मिल गया। गजेंद्र यादव वर्तमान में दुर्ग शहर से विधायक हैं।
Minister Gajendra yadav: छत्तीसगढ़ में आज विष्णुदेव सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हो चुका है। मंत्रिमंडल में एक नया चेहरा तेज़ी से उभरा है – गजेंद्र यादव, जो अब राज्य के मंत्रिमंडल का हिस्सा बन गए हैं। 20 अगस्त को उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली, और इसके साथ ही दुर्ग संभाग को भी मंत्री प्रतिनिधित्व मिल गया। गजेंद्र यादव वर्तमान में दुर्ग शहर से विधायक हैं और यह उनकी पहली ही विधानसभा पारी है।
गजेंद्र यादव ने 2023 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा को हराकर कड़ी टक्कर दी थी और करीब 4,697 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। उनकी यह जीत इसलिए भी खास मानी गई क्योंकि वे पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे और सीधे एक स्थापित राजनीतिक परिवार से मुकाबला किया।
आरएसएस पृष्ठभूमि से आने वाले गजेंद्र यादव के पिता, बिसरा राम यादव, स्वयं संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी रह चुके हैं। इस वैचारिक पृष्ठभूमि और ज़मीनी जुड़ाव ने गजेंद्र यादव को एक मेहनती और रणनीतिक नेता के रूप में स्थापित किया है। मंत्री बनने के साथ अब उनसे प्रदेश स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं।
दुर्ग शहर से विधायक गजेंद्र यादव का जन्म 15 जुलाई 1978 को हुआ था। उनका बचपन साधारण किसान परिवार में बीता। उन्होंने पढ़ाई की शुरुआत दुर्ग के मारवाड़ी विद्यालय से की और आगे की शिक्षा सरकारी स्कूल व साइंस कॉलेज दुर्ग से पूरी की है। इसके बाद भिलाई में फिटर ट्रेड से आईटीआई की पढ़ाई भी की. कम उम्र से ही गजेंद्र यादव ने राजनीति और सामाजिक कामों में रुचि दिखाई. महज 21 साल की उम्र में मध्य प्रदेश के विभाजन के समय सबसे कम उम्र के पार्षद बने।
गजेन्द्र यादव ने वर्ष 1996 में साइंस कालेज दुर्ग से बीएससी की पढ़ाई के दौरान अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत करते हुए दिवंगत ताराचंद साहू के लोकसभा चुनाव में भाजपा कार्यकर्ता के रूप में जमीनी स्तर पर सक्रिय रूप से कार्य किया। इसके बाद वर्ष 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में भी ताराचंद साहू के लिए सक्रिय रूप से कार्य किया। उनकी सक्रियता को देखते हुए भाजपा ने उन्हें वार्ड अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी। अध्यक्ष के रूप में वर्ष 1998 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी रहे हेमचंद यादव के लिए काम किया।
भाजपा ने वर्ष 1999 में दुर्ग नगर निगम चुनाव में उन्हें कचहरी वार्ड से प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में गजेन्द्र ने पांच बार के पार्षद और पूर्व उपमहापौर रहे खेमलाल सिन्हा को हराकर पार्षद निर्वाचित हुए। वर्ष 2005 तक पार्षद रहे। राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद तत्कालीन शिक्षामंत्री मेघाराम साहू ने वर्ष 2005 में गजेन्द्र यादव को स्काउट गाइड का राज्य सचिव नियुक्त किया। पार्टी ने उन्हें वर्ष 2009 में भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी दी थी।
अविभाजित मध्यप्रदेश में सबसे कम उम्र के पार्षद होने का रिकार्ड बनाया। गजेन्द्र यादव 21 वर्ष की आयु में अविभाजित मध्यप्रदेश के सबसे कम उम्र का पार्षद निर्वाचित होने रिकार्ड कायम करने के साथ ही शहर की जनता का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया। वहीं राज्य मुख्य आयुक्त स्काऊट गाइड के रूप में बेहतर कार्य करते हुए छत्तीसगढ़ को देश में नई पहचान दिलाने के साथ राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आए।
वे महज 35 वर्ष की आयु में देश के सबसे कम उम्र के स्काऊट गाइड के राज्य मुख्य आयुक्त रहे। राज्य मुख्य आयुक्त के रूप में उनके कार्यों की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी तारीफ हुई। राज्य मुख्य आयुक्त के रूप सबसे कम समय में देश स्काउट गाइड में छत्तीसगढ़ की उल्लेखनीय भूमिका को देखते हुए वर्ष 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने प्रदेश को स्काऊट गाइड का सर्वोच्च सम्मान दिया।