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स्टार्टअप खोलने पर सरकार दे रही 70 लाख रुपये, जानिए क्या है योग्यता और कैसे करें आवेदन

Startup India Seed Fund Scheme: सरकार ने स्टार्टअप्स की वित्तीय मदद करने के लिए साल 2021 में स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम शुरू की थी। इस स्कीम में स्टार्टअप्स को ग्रांट दी जाती है।

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सरकार स्टार्टअप्स को काफी वित्तीय मदद देती है। (PC: Freepik)

Startup India Seed Fund Scheme: अपना स्टार्टअप शुरू करने वाले लोगों को सरकार काफी वित्तीय सहायता प्रदान करती है। सरकार ने साल 2021 में इसके लिए स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम लॉन्च की थी। इस स्कीम का उद्देश्य स्टार्टअप्स को प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट, प्रोटोटाइप डेवलपमेंट, प्रोडक्ट ट्रायल्स, मार्केट एंट्री और कमर्शियलाइजेशन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए स्टार्टअप इंडिया पोर्टल पर आवेदन किया जा सकता है। भारतभर में इनक्यूबेटर्स के माध्यम से चुने गए स्टार्टअप्स को इस स्कीम के तहत फंडिंग दी जाती है।

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स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम की खास बातें

इस स्कीम में इनक्यूबेटर्स और स्टार्टअप्स के लिए सालभर आवेदन की सुविधा उपलब्ध रहती है।
किसी भी सेक्टर के स्टार्टअप्स इस योजना के तहत आवेदन दे सकते हैं।
इस योजना का लाभ लेने के लिए फिजिकल इनक्यूबेशन की आवश्यकता नहीं है।
यह एक पैन इंडिया स्टार्टअप प्रोग्राम है।
स्टार्टअप्स एक साथ तीन इनक्यूबेटर्स को आवेदन कर सकते हैं।

Startup words illustration

कितनी मिलती है फंडिंग

स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम में प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट, प्रोटोटाइप डेवलपमेंट या प्रोडक्ट ट्रायल्स के लिए 20 लाख रुपये तक की ग्रांट दी जाती है। इसके अलावा, इस स्कीम में मार्केट एंट्री, कमर्शियलाइजेशन या स्केलिंग अप के लिए 50 लाख रुपये तक का इन्वेस्टमेंट भी दिया जाता है। यह निवेश कन्वर्टिबल डिबेंचर, डेट या डेट-लिंक्ड इंस्ट्रूमेंट्स के माध्यम से किया जाता है। सीड फंड का उपयोग स्टार्टअप्स द्वारा फैसिलिटीज के निर्माण और उसी उद्देश्य के लिए किया जाएगा, जिसके लिए यह प्रदान किया गया है।

क्या है योग्यता?

-आवेदन के समय स्टार्टअप का रजिस्ट्रेशन दो साल से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए।
-स्टार्टअप के पास ऐसा बिजनेस आइडिया होना चाहिए, जिससे ऐसे प्रोडक्ट या सर्विस का विकास हो सके, जो मार्केट फिट हो, कमर्शियलाइजेशन की क्षमता हो और स्केलिंग का स्कोप हो।
-स्टार्टअप ऐसा हो, जो अपने मुख्य प्रोडक्ट/सर्विस, बिजनेस मॉडल, डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल या मैथडोलॉजी में टेक्नोलॉजी का उपयोग करके किसी समस्या का समाधान निकालता हो।
-उन स्टार्टअप्स को प्राथमिकता दी जाएगी जो सोशल इंपेक्ट, वेस्ट मैनेजमेंट, वाटर मैनेजमेंट, फाइनेंशियल इंक्लूजन, एजुकेशन, एग्रीकल्चर, फूड प्रोसेसिंग, बायोटेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर, ऊर्जा, मोबिलिटी, डिफेंस, स्पेस, रेलवे, तेल और गैस, टेक्सटाइल आदि सेक्टर्स में इनोवेटिव सोल्यूशंस तैयार कर रहे हों।
-स्टार्टअप को किसी अन्य केंद्रीय या राज्य सरकार की योजना से 10 लाख से अधिक की वित्तीय सहायता प्राप्त नहीं हुई हो।
-आवेदन के समय स्टार्टअप में भारतीय प्रमोटर्स की हिस्सेदारी कम से कम 51% होनी चाहिए।
-स्टार्टअप आवेदक योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार ग्रांट और डेट/कन्वर्टिबल डिबेंचर दोनों रूपों में एक-एक बार सीड सपोर्ट प्राप्त कर सकता है।

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Updated on:
23 Sept 2025 03:19 pm
Published on:
23 Sept 2025 03:18 pm
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