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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिग्विजय से मिलाया हाथ, तो क्यों शुरू हुई अटकलें, ये अपवाद तो नहीं…

Jyotiraditya Scindia Meet with Digvijay Singh: जब भी सत्ताधारी पार्टी के नेता विपक्षी नेताओं से मिलते दिखते हैं, तो चर्चा और अफवाहों का दौर सा चल पड़ता है, अफवाहों को तूल देने वालों की कमी नहीं हैं, लेकिन ये वीडियो और तस्वीरें कोई अपवाद नहीं है, राजनीति से इतर निंजी संबंधों की ऐसी तस्वीरें सबक सिखाती हैं, patrika.com पर इंसानियत और जीवन की सच्चाई दिखाती खबर...

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Aug 09, 2025
एक निजी कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य ने जैसे ही दिग्विजय सिंह को देखा, तो मंच से उतर आए हाथ मिलाया, माफी मांगी और चर्चा में आ गए(फोटो सोर्स: X वीडियो)

Jyotiraditya Scindia Meet with Digvijay Singh: संजना कुमार @ patrika.com: मंच पर गरजते राजनेताओं का एक-दूसरे पर शब्दों के तीर छोड़ना, चुनावी भाषणों, रैलियों में तंज कसना और टीवी न्यूज चैनल्स पर तीखी बहस करते नजर आना राजनीति में यह सब आम बात है। लेकिन राजनीतिक गलियों से, कैमरे और माइक से दूरी पर जो नजारा दिखता है, वो इस तस्वीर से बिल्कुल उलट होता है। इसका ताजा उदाहरण बना है केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के वरिष्ठ और दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह की मुलाकात का एक वायरल वीडियो। इस वीडियो में दोनों एक निजी कार्यक्रम में आमने-सामने हुए, तो सिंधिया ने दिग्विजय से मांफी मांगी और उनका हाथ पकड़कर उन्हें मंच पर ले गए। सत्ता पक्ष और विपक्ष की गर्मजोशी से भरी ये मुलाकात सियासी हलचल बढ़ा गई, जबकि ऐसा पहली बार नहीं है। पहले भी कई बार सरकार के और उसके विरोधी दल के नेता गर्मजोशी से मिलते, मुलाकात करते नजर आए हैं। तस्वीरों में देखें राजनीतिक कटुता, मतभेद के बीच नेताओं के आपसी रिश्तों की मिठास और नरमी का आईना दिखाते यादगार पल…

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2025 :

ज्योतिरादित्य सिंधिया एक निजी कार्यक्रम में शामिल हुए, यहां जैसे ही उनकी नजरें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर पड़ी, तो वे मंच से उतरे और सीधे दिग्विजय के पास पहुंच गए। यहां उन्होंने न केवल दिग्विजय सिंह से हाथ मिलाया, बल्कि उनसे माफी भी मांगी कि वे उन्हें देख नहीं पाए।

दिग्विजय सिंह के प्रति उनका सम्मान साफ नजर आया और वे उनका हाथ खीचते हुए उन्हें मंच पर ले गए। गर्मजोशी से हुई इस मुलाकात ने सियासी अटकलों को तेज कर दिया।

2020:

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ. (फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)


पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ की मुलाकात भी अक्सर सामने आती रही है। ये तस्वीर तब की है जब दोनों ही मुख्यमंत्री पद की जंग में आमने-सामने थे। लेकिन एक निजी कार्यक्रम में दोनों बड़ी ही गर्मजोशी से गले मिले और हाथ मिलाकर मुस्कुराते नजर आए। दोनों के बीच लंबी बातचीत का दौर भी चला। यह वह समय था जब मध्य प्रदेश में ही नहीं देशभर में राजनीतिक उथल-पुथल चरम पर थी। दोनों की मुलाकात के वीडियो तस्वीरें अक्सर सामने आते रहते हैं।

2019 :

बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय और कांग्रेस के अरुण यादव (फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

भाजपा के कैलाश विजयवर्गीय और कांग्रेस के अरुण कुमार सुभाष यादव को भी एक बिजनेस कॉन्फ्रेंस में साथ देखा गया। इस दौरान दोनों ने ही मंच से एक-दूसरे की जमकर तारीफ की थी। तब भी चुनावी माहौल गरम था लेकिन निजी और आपसी सम्मान इनकी मुलाकात में बरकरार दिखा।

2018 :

भाजपा की प्रमुख महिला नेता और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष के साथ दिग्विजय सिंह। (फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

सुमित्रा महाजन और दिग्विजय सिंह इंदौर के एक साहित्यिक कार्यक्रम में एक साथ बैठे नजर आए। दोनों ने साथ में चाय पी और पुराने संसदीय किस्से सुनाकर कार्यक्रम का माहौल खुशनुमां बना दिया। चुनाव नजदीक होने के बावजूद दोनों के निजी संबंध मिठास भरे नजर आए, राजनीतिक कड़वाहट से दूर।

2016

पूर्व मुख्य मंत्री दिग्विजय सिंह और उमा भारती. (फोटो सोर्स: X)

दिग्विजय सिंह और उमा भारती गंगा आरती के कार्यक्रम में साथ नजर आए थे। मंच से उतरकर दिग्विजय सिंह ने उमा भारती का हाल-चाल जाना और हंसते-मुस्कुराते कार्यक्रम का आनंद लिया।

2014

भाजपा के दिग्गज नेता नरेंद्र सिंह तोमर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ (तब कांग्रेस में थे सिंधिया) (फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

एमपी बीजेपी के नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया (जब कांग्रेस में थे) गुना में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुए। भाजपा में कद्दावर छवि रखने वाले नरेंद्र सिंह तोमर और कांग्रेस नेता के बीच तब भी अपनापन नजर आया, कोई राजनीतिक रंजिश नहीं।

ये मुलाकातें और ये किस्से सामने आते रहें हैं और आते रहेंगे

असल में राजनीति एक पेशा है, जहां विचारधारा और नीतिगत टकराव होना स्वाभाविक है। लेकिन निजी जीवन में नेताओं के बीच पारिवारिक, सामाजिक और मित्रतापूर्ण रिश्ते कायम रहते हैं। जनता के लिए यह समझ जरूरी है कि मंच की कटुता व्यक्तिगत संबंधों में नहीं आती और आनी भी नहीं चाहिए।

इन मुलाकातों के किस्से और तस्वीरें हमें भी सबक देती हैं, धर्म से, विचारों से, भाषा-बोलियों से, पहनावे, खान-पान और संस्कृति से भले ही हम कितने ही मतभेद रखते हैं, लेकिन एक दूसरे के प्रति दिलों में सम्मान, प्यार और अपनापन बना रहना चाहिए, 'भारत' इसी का नाम है।

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Updated on:
09 Aug 2025 03:45 pm
Published on:
09 Aug 2025 03:29 pm
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