राजस्थान सरकार की बेरोजगारी भत्ता योजना का क्रियान्वयन बिल्कुल सुस्त पड़ा हुआ है। योजना के लगभग 1.90 लाख लाभार्थियों को फरवरी 2025 से भत्ते का भुगतान नहीं हुआ है।
जयपुर। एक तरफ युवा रोजगार नहीं मिलने से परेशान हैं, तो दूसरी ओर उन्हें बेरोजगारी भत्ता भी नसीब नहीं हो रहा है। राजस्थान सरकार की बेरोजगारी भत्ता योजना का क्रियान्वयन बिल्कुल सुस्त पड़ा हुआ है। रोजगार विभाग के आंकड़ों के अनुसार मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के लगभग 1.90 लाख लाभार्थियों को फरवरी 2025 से भत्ते का भुगतान नहीं हुआ है।
अलवर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चुरू, धौलपुर, हनुमानगढ़, जयपुर (एमईई), करौली, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर और उदयपुर जिलों के युवाओं को वर्ष 2024 से बेरोजगारी भत्ता नहीं मिला है।
वहीं, नागौर और जयपुर (एमईई) में तो नवंबर और दिसंबर 2023 से भुगतान नहीं किया गया है। मामले में राजस्थान सरकार के कौशल एवं रोजगार विभाग ने वित्त विभाग से 267.2 करोड़ रुपए की मांग की है। यह युवाओं को दिए जाने वाले बेरोजगारी भत्ते की बकाया राशि है।
वर्तमान में 246.8 करोड़ रुपए की राशि लंबित है, जिसकी रोजगार विभाग को जरूरत है। इसके लिए 3 सितंबर को अतिरिक्त मुख्य सचिव, कौशल एवं रोजगार, संदीप वर्मा ने वित्त विभाग को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने बताया है कि 31 अगस्त तक 459.6 करोड़ रुपए का बकाया बिल रोजगार विभाग ने ट्रेजरी ऑफिस को भेजा था। अगस्त की शुरुआत में वित्त विभाग से मांग करने के बाद 102.5 करोड़ रुपये का बिल क्लियर कर 192.3 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।
पत्र में बताया गया कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बेरोजगारी भत्ते के भुगतान के लिए 850.2 करोड़ रुपए का बजट स्वीकार किया गया है। बावजूद इसके 2023 और 2024 से बिल बकाया है। इसके चलते जिलों में समय से बेरोजगारी भत्ते का भुगतान नहीं हो पा रहा है।
पत्र में मांग कि गई है कि अलवर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चुरू, धौलपुर, हनुमानगढ़, करौली, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, उदयपुर तथा महिलाओं के रोजगार कार्यालय, जयपुर के बकाया बिलों की ईसीएस (इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विस) प्रक्रिया को प्राथमिकता देकर जल्द भुगतान किया जाए।
इससे पहले 5 अगस्त 2025 को भी वर्मा ने वित्त विभाग को पत्र लिखा था। इसमें जुलाई तक के बेरोजगारी भत्ते के बिल को क्लियर करने की मांग की गई थी। पत्र में यह भी कहा गया कि ट्रेजरी ऑफिस को 360.8 करोड़ रुपये का बिल भेजा गया था। इसमें से मात्र 89.8 करोड़ रुपए ही चुकाए गए। भुगतान न होने से रोजगार विभाग की छवि खराब हो रही है।
राजस्थान में मुख्यमंत्री युवा सम्बल योजना में बेरोजगार युवाओं को 4,000 रुपए प्रति माह का भत्ता हर महीने देने की बात कही गई है। वहीं ट्रांसजेंडर, महिला और दिव्यांगों को 4,500 रुपए प्रति माह दिए जाने का प्रावधान है। योजना में करीब 1.9 लाख युवाओं को हर माह बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है।