Red Onion Benefits : लाल प्याज में क्वेरसेटिन नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो शरीर में सूजन कम करने, दिल की सेहत सुधारने और वायरस व कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करता है। जानिए लाल प्याज खाने का सही तरीका, कच्चा, हल्का पकाकर या सिरके में भिगोकर जिससे इसका पूरा फायदा मिल सके।
Red Onion Benefits : प्याज रसोई का एक जरूरी हिस्सा है, जिसका इस्तेमाल लगभग हर भारतीय घर में होता है। चाहे दाल का तड़का लगाना हो या झटपट सलाद, मुट्ठी भर कटे हुए प्याज अक्सर उसमें शामिल हो ही जाते हैं! हालांकि हम में से ज्यादातर लोग प्याज को स्वाद का एक जरूरी हिस्सा मानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इसके स्वास्थ्य लाभ क्या हैं।
हाल ही में, पोषण और भोजन के क्षेत्र में जाने-माने चिकित्सक और शोधकर्ता डॉ. विलियम ली ने किसान बाजार में मिले प्याज की एक अनोखी किस्म पर अपने ज्ञानवर्धक विचार साझा किए। लाल प्याज दिखने में तो कमाल का है, लेकिन पोषण के लिहाज से भी कमाल का है।
लाल प्याज का गहरा लाल-बैंगनी रंग सिर्फ दिखने में नहीं, बल्कि देखने में भी बहुत आकर्षक होता है। प्याज का चटक रंग एंथोसायनिन नामक यौगिक से आता है, जो प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट हैं। ये विभिन्न खाद्य पदार्थों, जैसे जामुन, स्ट्रॉबेरी और बैंगन में भी पाए जाते हैं।
अन्य सभी एंटीऑक्सीडेंट की तरह, एंथोसायनिन भी शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद करते हैं। सरल शब्दों में भोजन के रूप में सेवन करने पर ये कोशिका क्षति को कम करते हैं, इम्युनिटी को मजबूत करते हैं और सूजन से लड़ने में भी मदद करते हैं।
यह साबित हो चुका है कि पुरानी सूजन डायबिटिज, हार्ट संबंधी बीमारियों और यहां तक कि जोड़ों के दर्द जैसी सभी बीमारियों का मूल कारण है।
लाल प्याज जैसी साधारण चीज, भोजन के साथ या भोजन में सेवन करने पर शरीर को संतुलित रखने में मदद कर सकती है।
प्याज को वास्तव में अलग बनाने वाला तत्व क्वेरसेटिन नामक एक वनस्पति-आधारित घटक है, जो मूल रूप से एक फ्लेवोनोइड है जो एक प्राकृतिक सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। क्वेरसेटिन से संबंधित शोध ने ब्लड प्रेशर कम करने, हार्ट हेल्थ में सुधार और यहां तक कि कुछ प्रकार के कैंसर से लड़ने में इसकी संभावित भूमिका को साबित किया है।
पबमेड सेंट्रल में छपे एक नए अध्ययन के मुताबिक, क्वेरसेटिन नाम का एक प्राकृतिक यौगिक सेहत के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। रिसर्च में पता चला है कि यह वायरस से लड़ने में अहम भूमिका निभा सकता है। इसके एंटीवायरल गुण इतने असरदार हैं कि यह इन्फ्लूएंजा (फ्लू), हेपेटाइटिस बी और सी, और यहां तक कि एचआईवी जैसे वायरस के खिलाफ भी काम कर सकता है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर इस पर और रिसर्च की जाए तो क्वेरसेटिन से बनी दवाएं भविष्य में वायरल बीमारियों के इलाज में बड़ा बदलाव ला सकती हैं और दुनिया भर में इन बीमारियों का बोझ कम कर सकती हैं।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि क्वेरसेटिन में कैंसर-रोधी गुण भी पाए गए हैं। अध्ययनों से पता चला है कि यह कैंसर कोशिकाओं के बढ़ने को रोक सकता है और स्तन, फेफड़े, प्रोस्टेट और कोलन कैंसर जैसी कई तरह की कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में मदद कर सकता है।
डॉ. ली बताते हैं कि क्वेरसेटिन पृष्ठभूमि में चुपचाप काम करता है, शरीर को सूजन को नियंत्रित करने और समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है, और प्याज इसका सबसे अच्छा प्राकृतिक स्रोत है।
भारतीय व्यंजनों में प्याज पहले से ही एक मुख्य सामग्री है। चाहे कच्चा हो या पका हुआ, यह स्वाद और बनावट में एक बड़ी भूमिका निभाता है। लेकिन अब, हम यह भी जानते हैं कि इसका स्वास्थ्य मूल्य भी उतना ही मजबूत है!
प्याज, लहसुन और लीक जैसे पौधे एलियम परिवार के सदस्य हैं। ये भूमध्यसागरीय और एशियाई खाने का आम हिस्सा हैं। पारंपरिक चिकित्सा में एलियम प्रजातियों का इस्तेमाल गठिया, दिल और किडनी की बीमारियाँ, डायबिटीज़, सर्दी-जुकाम, सिरदर्द, खांसी, ब्लीडिंग, अस्थमा, कैंसर, पेट दर्द और त्वचा की समस्याओं जैसी कई दिक्कतों के इलाज में किया जाता रहा है।
विदेशी सब्जियों और फलों के पीछे भागने की जरूरत नहीं प्याज तो हर बाजार में आसानी से मिल जाता है। जो चीज आपके घर में पहले से है उसे नजरअंदाज मत करें। लाल प्याज जैसी साधारण सी चीज से न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ता है, बल्कि लंबे समय तक सेहत के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है।
विशेषज्ञों और डॉक्टर विलियम ली जैसे शीर्ष चिकित्सकों के अनुसार, लाल प्याज का अधिकतम लाभ उठाने के लिए इसे कच्चा (Raw) खाना सबसे अच्छा तरीका है, हालांकि पका हुआ प्याज भी फायदेमंद होता है।
क्यों? क्वेरसेटिन और अन्य फ्लेवोनोइड्स की सबसे ज़्यादा मात्रा प्याज के सूखे छिलके और बाहरी परतों में होती है। साथ ही, ये यौगिक गर्मी के प्रति संवेदनशील होते हैं। प्याज को कच्चा खाने से इन पोषक तत्वों का नुकसान कम होता है और शरीर को इनका पूरा लाभ मिलता है।
कैसे खाएं:
सलाद: इसे बारीक काटकर नींबू और नमक के साथ सलाद के रूप में खाएं।
सैंडविच/बर्गर: कच्ची, पतली स्लाइस को सैंडविच या बर्गर में डालकर खाएं।
दही/रायता: दही या रायते में बारीक कटा प्याज मिलाने से इसका स्वाद भी बढ़ता है और प्रोबायोटिक्स के साथ एंटीऑक्सीडेंट्स का मिश्रण भी मिलता है।
दाल-सब्जी के साथ: दाल या सब्जी के साथ कच्चा प्याज खाएं।
यदि आप इसे पकाना चाहते हैं, तो इसे कम समय के लिए पकाएं (जैसे हल्का सा भूनना या स्टर-फ्राई करना), ताकि गर्मी के कारण पोषक तत्वों का नुकसान कम हो।
इसे दाल, करी या सब्जी में अंत में डालें ताकि यह ज़्यादा न पके।
लाल प्याज को सिरके (Vinegar), नमक और पानी के घोल में हल्का सा भिगोकर (Pickle करके) खाने से न सिर्फ उसका तीखापन कम होता है, बल्कि एसिडिक माध्यम में भी इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण सुरक्षित रहते हैं। इसे टैकोस, सलाद या सैंडविच में इस्तेमाल किया जा सकता है।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।