Spider Bite Deaths : असम में एक 7 साल की बच्ची की मौत मकड़ी के काटने से होने की खबर आई। लेकिन, क्या वाकई मकड़ी के काटने से मौत हो सकती है? आइए, एक्सपर्ट से जानते हैं जानलेवा मकड़ियों (Venomous spider In India) के बारे में।
Spider Bite Deaths : असम में एक 7 साल की बच्ची की मौत मकड़ी के काटने से होने की खबर आई। ये घटना 07 अगस्त की बताई जा रही है। इस घटना के बाद असम के तिनसुकिया जिले के पानीटोला गांव में दहशत है। साथ ही खबर पढ़ने वालों के मन में भी मकड़ी को लेकर कई तरह के सवाल आ रहे हैं। क्या वाकई मकड़ी का काटना जानलेवा है, मकड़ी के काटने से मौत हो सकती है या नहीं? इस तरह के सवालों को समझने के लिए हमने मकड़ी पर कई सालों से शोध कर रहे सुधीर कुमार से बातचीत की।
केस 1- अगस्त (2025) असम के तिनसुकिया जिले के पानीटोला गांव में 7 साल की बच्ची की मौत हो गई। बच्ची अंडों से भरी टोकरी को खोलने गई और वहीं से एक काले रंग की मकड़ी ने उसके हाथ पर काट लिया। इस मामले को लेकर फॉरेंसिक टीम जांच कर रही है।
केस 2- द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के एक 38 वर्षीय शख्स की मौत भी मकड़ी के काटने से मई 2018 में हुई थी। वो कन्याकुमारी एक्सप्रेस ट्रेन से सफर कर रहा था। एगरा (पश्चिम बंगाल) के एक अस्पताल में इलाज चला। डॉक्टर ने भी बताया था कि मकड़ी के जहर से ही मौत हुई है।
केस 3- टेलीग्राफ इंडिया की एक रिपोर्ट (2012) के मुताबिक, तिनसुकिया में दो लोगों की मौत मकड़ी के काटने से हो गई थी। इसके बाद इलाके में काफी दहशत थी। मेडिकल व वन विभाग की टीम ने भी इस मामले की पड़ताल की थी।
सुधीर रंजन चौधरी लंबे समय से मकड़ियों पर शोध कर रहे हैं। उनका कहना है, भारत में मकड़ियों को लेकर बहुत सीमित शोध किए गए हैं। खासकर, असम या नॉर्थ ईस्ट एरिया में तो और भी कम। जबकि, वहां से मकड़ी के काटने से मौत की खबर सामने आती रहती है। हालांकि, भारत में मकड़ी के काटने से मौत हो जाए इतनी खतरनाक मकड़ी नहीं पाई गई हैं। भारत में ब्लैक विडो स्पाइडर सबसे खतरनाक मानी जाती है। इसके अलावा टारेंटयुला (Tarantulas) नामक मकड़ी को भी जहरीला माना जाता है। इनके काटने से मौत हो जाए ये कहना मुश्किल है। पर, इनका काटना बिच्छु के डंक मारने जितना हो सकता है।
ब्लैक विडो स्पाइडर काले रंग की होती है। ये भारत में मिलती हैं। इनका काटना खतरनाक होता है। इनका अधिकतर हिस्सा काला और पीछे का हिस्सा हल्का लाल रंग का होता है। ये घर के आसपास भी मिल जाती हैं।
इस पर सुधीर कहते हैं कि घरेलू मकड़ी इतनी खतरनाक नहीं। उनसे डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन, बगीचा या जंगल में जाएं तो मकड़ियों से सावधान रहें। इनके काटने से आपको दिक्कत हो सकती है।
मकड़ियों का जहर जान लेने जितना खतरनाक नहीं होता है। मकड़ियों के काटने से मौत की घटनाएं भारत में दुर्लभ हैं। इनके जहर में खतरनाक न्यूरोटॉक्सिन हो सकता है, इससे तेज दर्द, बुखार, बेहोशी जैसी स्थिति हो सकती है।
सलाह- अगर मकड़ी के काटने से एलर्जी हो रही है। तेज दर्द, बुखार, उल्टी, बेहोशी जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो ऐसी परिस्थिति में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।