भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ने वाली है। नौसेना में दो नए युद्धपोत शामिल होंगे। दोनों युद्धपोत मेड इन इंडिया के तहत बनाए गए हैं। ये उन्नत तकीनीक से लैस हैं।
भारतीय नौसेना लगातार अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी है। आज भारतीय नौसेना को दो नए युद्धपोत मिलने जा रहे हैं। INS उदयगिरि और INS हिमगिरि आज भारतीय नौसेना में कमीशन होंगे। दोनों युद्धपोत प्रोजेक्ट 17A के तहत बनाए गए हैं। INS हिमगिरि को कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स द्वारा बनाया गया है, जबकि INS उदयगिरि को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया है।
INS उदयगिरी युद्धपोत लगभग 6700 टन वजनी है, और इसकी लंबाई 149 मीटर है। यह रडार, इन्फ्रारेड और ध्वनिक सिग्नेचर को कम करने वाले उन्नत तकनीक से लैस है। जो इसे दुश्मन के सेंसर से बचाता है। इसमें डीजल इंजन और गैस से चलने वाली प्रणाली लगाई गई है। यह युद्धपोत 28 नॉट्स से अधिक गति चल सकता है। 5,500 नॉटिकल मील की रेंज प्रदान करता है। खास बात यह है कि यह युद्धपोत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, बराक-8, 76 मिमी मुख्य तोप, क्लोज-इन वेपन सिस्टम और पनडुब्बी रोधी हथियार से लैस होगा। INS उदयगिरी मेड इन इंडिया युद्धपोत है। इसका 75 फीसदी हिस्सा स्वदेशी है।
INS हिमगिरी 6,670 टन वजनी है और इसकी लंबाई 149 मीटर है। इसे कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने बनाया है। इसका निर्माण साल 2020 में शुरू किया गया था और जुलाई 2025 में डिलीवर किया गया। यह भी प्रोजेक्ट 17A के तहत बनाया गया है। यह युद्धपोत रडार और इन्फ्रारेड सिग्नेचर को कम करने वाली उन्नत तकनीक से लैस है, जो दुश्मनों के सामने इसे लगभग अभेद्य बनाता है। यह युद्धपोत 28 नॉट्स से अधिक गति चल सकता है। यह युद्धपोत भी ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, बराक-8, 76 मिमी मुख्य तोप, क्लोज-इन वेपन सिस्टम और पनडुब्बी रोधी हथियार से लैस होगा। वहीं, इसमें विमानन सुविधा भी मौजूद होगी। यह युद्धपोत भी मेड इन इंडिया के तहत बनाया गया है। इसका 75 फीसदी हिस्सा स्वदेशी है।
दोनों फ्रिगेट्स हवाई, सतही, और पनडुब्बी रोधी युद्ध में सक्षम हैं। जिसका फायदा भारत को हिंद और प्रशांत महासागर में मिलेगा। दोनों युद्धपोत के कमीशन होने से भारत के व्यापार मार्गों को सुरक्षा मिलेगी और क्षेत्रीय प्रभाव भी बढ़ेगा। आने वाले सालों में नौसेना को चार नए युद्ध पोत भी मिलेंगे।
वर्तमान में भारतीय नौ सेना के पास कुल 20 पनडुब्बियां हैं। इनमें से 2 परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां, एक परमाणु-संचालित अटैकर पनडुब्बी, 17 ट्रेडिशनल डीजल-इलेक्ट्रिक अटैकर पनडुब्बियां हैं। 13 विध्वंसक जहाज हैं। साथ ही 15 फ्रिगेट्स, 18 कॉर्वेट्स, एक परिवहन डॉक, 4 टैंक लैंडिंग जहाज, 8 लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी, एक माइन काउंटरमेजर जहाज और 30 गश्ती जहाज हैं। फिलहाल, 50 जहाज निर्माणाधीन हैं। भारतीय नौसेना का लक्ष्य है कि साल 2035 तक उसके बेडे़ में कम से कम 175 जहाज मौजूद हों। वहीं, वर्तमान में भारतीय नौसेना के पास लगभग 135 से अधिक युद्धपोत सक्रिय सेवा में हैं। और दो विमानवाहक पोत INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत हैं।