Rajasthan Assembly Budget Session: भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के मामलों में केस चलाने की मंजूरी को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े कर दिए।
Rajasthan Assembly Budget Session: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के मामलों में केस चलाने की मंजूरी को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े कर दिए। सराफ ने आरोप लगाया कि सरकार उनके सवालों के सीधे जवाब देने के बजाय उन्हें बदल रही है।
विधानसभा में कालीचरण सराफ ने कहा- मैंने पूछा क्या था और जवाब क्या दिया गया, मेरा सवाल ही बदल दिया। इस पर मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने सफाई देते हुए कहा कि सरकार ने सवाल का स्पष्ट और सटीक जवाब दिया है।
उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2021 से 2022 तक ACB में 1592 केस दर्ज हुए, जिनमें से 1189 मामलों में केस चलाने की मंजूरी दे दी गई, जबकि 403 मामले अभी भी लंबित हैं।
विधानसभा के चौथे दिन विधायक कालीचरण सराफ ने पूरक सवाल में कहा कि सतर्कता आयुक्त के नियमों के अनुसार, ACB के मामलों में तीन महीने के भीतर केस चलाने की मंजूरी दी जानी चाहिए। फिर भी, भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अफसर आपस में मिल जाते हैं, जिससे भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई नहीं हो पाती।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए विधायक सराफ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा है- 'ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा'। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि यदि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है, तो फिर इतने केस पेंडिंग क्यों हैं? सराफ ने ACB के लंबित मामलों की समीक्षा के लिए एक कैबिनेट सब-कमेटी बनाने का सुझाव दिया ताकि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।
कालीचरण सराफ ने पूछा: 1 जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2024 तक 1592 में से सरकार ने 1189 मामलों में अभियोजन स्वीकृति दी, 403 अभी पेंडिंग हैं, जबकि सतर्कता आयुक्त ने सभी विभागों को कहा है कि अधिकतम 3 महीने में केस चलाने की अनुमति दी जाए तो फिर क्यों ये लेटलतीफी?
सरकार की तरफ से मंत्री का जवाब: 1591 में से 1189 मामलों में अभियोजन स्वीकृति, 1037 में Grant of Prosecution Sanction हुआ, 152 खारिज किए गए और 403 पेडिंग है, क्योंकि गैजेटेड और नॉन गैजेटेड ऑफिसर के खिलाफ केस चलाने का अलग-अलग सिस्टम है।
कालीचरण सराफने पूछा: कई केस 16-16 साल से पेंडिंग हैं, अधिकारी आपस में मिले रहते हैं, मोदी जी ने कहा है ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा तो जितने भी अधिकारियों के केस पेंडिंग है तो क्यों ना सरकार एक 3 मंत्रियों की समिति बना दे जो पेंडिंग केस का जल्दी निपटारा करे।
सरकार की तरफ से मंत्री का जवाब: हम ये जो पेंडिंग 403 केस हैं, इन पर तुरंत एक्शन लेंगे, लेकिन आप ये जो कमेटी बनाने का कह रहे हैं इसकी कानून इजाजत नहीं देता है, पर मैं चीफ सेकेट्री साब को कह दूंगा कि इनका जल्दी निपटारा करें।
गौरतलब है कि बीजेपी के वरिष्ठ विधायक कालीचरण सराफ के बयान के बाद विधानसभा में भाजपा और विपक्ष के बीच चर्चा तेज हो गई। भाजपा विधायक के अपनी ही सरकार पर सवाल उठाने से यह मुद्दा और गरमा गया है।